महाकाल में भक्तों का सैलाब, प्रशासन के हाथ-पैर फूले, अवंतिका द्वार भी आम किया

भीड़ संभालने अफसर खुद मंदिर मैदान में उतरे, 4 नंबर गेट बंद किया तो लोग खुद हटाने लगे बेरिकेड्स, कार्तिक-गणेश मण्डपम् से अलग-अलग कराए दर्शन

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हरसिद्धि मंदिर की ओर से महाकाल मंदिर आने वाले मार्ग को भी बंद कर दिया था

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सावन के दूसरे सोमवार पर श्री महाकालेश्वर मंदिर पर दर्शनार्थियों का सैलाब उमड़ा। भीड़ देखकर प्रशासन के हाथ-पैर फूल गए और ताबड़तोड़ व्यवस्थाएं बनाना पड़ी। अवंतिका द्वार से भी आम दर्शनार्थियों को प्रवेश देकर दर्शन करवाए। त्रिवेणी द्वार को छोडक़र मंदिर पहुंचने वाले सभी मार्ग पर बैरिकेडिंग कर बंद कर दिए गए।

हालात देखते हुए मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल व अन्य अधिकारी मंदिर में अलग-अलग जगह स्थिति संभालने में लगे थे। दूसरे सोमवार को भगवान महाकाल तडक़े ढाई बजे जागे। इसके बाद भस्मारती की गई। भस्मारती के बाद आम दर्शनार्थियों के दर्शन प्रारंभ हुए।

चारों ओर सिर्फ भीड़ ही भीड़ दिखाई दे रही थी। मंदिर सूत्रों के मुताबिक दर्शनार्थियों की स्थिति देखते हुए सुबह 9 बजे तक करीब डेढ़ लाख और दोपहर 12 बजे तक करीब 2 लाख से अधिक श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन कर चुके थे। सुबह भस्मारती में ही अनुमति प्राप्त दर्शनार्थियों के अलावा करीब 4 हजार से अधिक लोगों को कतार से भस्मारती के चलायमान दर्शन कराए गए हैं। हालांकि अधिकृत आंकड़ा रात 10 बजे तक सामने आ सकेगा। अधिक भीड़ को देखते हुए आम दर्शनार्थियों को सिर्फ त्रिवेणी संग्रहालय द्वार से प्रवेश दिया गया। मानसरोवर द्वार से अंदर पहुंचे दर्शनार्थियों को व्यवस्थित दर्शन कराने के उद्देश्य से कार्तिक और गणेश मंडप से अलग-अलग दर्शन कराकर मंदिर के निर्गम द्वार से बाहर किया गया। व्यवस्था बिगडऩे का एक कारण वीआईपी और पुलिस प्रशासन से जुड़े लोगों का बंद मार्गों से प्रवेश भी रहा।

गेट नंबर चार बंद होने से श्रद्धालु नाराज
सुबह 9 बजे करीब बड़ा गणेश की ओर स्थित चार नंबर गेट बंद कर दिया गया। हालांकि प्रत्येक सोमवार यह गेट बंद रखने का निर्णय मंदिर समिति पहले ही कर चुकी है। लेकिन यहां से आने वाले नियमित व अन्य दर्शनार्थी इस व्यवस्था से नाराज नजर आए। कुछ दर्शनार्थियों ने यहां रखे बेरिकेड्स हटाने का प्रयास भी किया। विवाद बढ़ा तो पुलिस को सख्ती बरतना पड़ी।

कब कहां रहेगी सवारी
4.00 बजे – महाकाल मंदिर द्वार
4.15 बजे – गुदरी चौराहा
4.30बजे – बक्षी बाजार,
4.45 बजे – कहारवाड़ी
5.00 बजे – रामघाट
5.30 बजे – रामघाट से पूजन के बाद रवाना
5.45 बजे – रामानुजकोट
6.00 बजे – कार्तिक चौक
6.15 बजे – सत्यनारायण मंदिर,
6.30 बजे – ढाबा रोड
6.45 बजे – टंकी चौराहा
7.00 बजे – गोपाल मंदिर
7.30 बजे – पटनी बाजार
7.45 बजे – गुदरी बाजार
8.00 बजे – महाकाल मंदिर
नोट: सवारी के समय में फेरबदल संभावित है

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