इस बार पालकी में सवार होकर आएंगी मां
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शारदीय नवरात्रि पर्व की शुरुआत ३ अक्टूबर से होगी। इस दिन हस्त नक्षत्र का योग बनेगा और मां पालकी में सवार होकर आएंगी। इसके अलावा नवरात्र के 9 दिनों में 3 सर्वार्थ सिद्धि और 4 रवि योग बनेंगे।
ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि माता के आगमन के वाहन अलग-अलग प्रकार से शास्त्र में बताए गए हैं। मां जिस वाहन में प्रवेश करती हैं उस स्थान को पाल कहा जाता है। सामान्य बोलचाल मेें पालकी में माता का आगमन बताया जाता है। ऐसी मान्यता है कि पालकी में आदिशक्ति का आगमन धीमी गति से लेकिन प्रभावशाली और वैभवशाली माना जाता है।
हस्त नक्षत्र में होगी घटस्थापना
आश्विन शुक्ल प्रतिपदा 3 अक्टूबर को हस्त नक्षत्र में घटस्थापना होगी। हस्त नक्षत्र का योग अच्छा माना जाता है जो ज्ञान, समृद्धि एवं दीर्घायु का कारक ग्रह है। नवरात्र के 9 दिनों में वैदिक पद्धति से विधिवत से की गई आराधना भक्तों को मनवांछित फल देती है।
3 सर्वार्थ सिद्धि चार रवि योग
नवरात्रि के दौरान 5,7 और 12 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि और 5, 6, 11 और 12 अक्टूबर को रवि योग का संयोग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग व्यापार, व्यवसाय, नए कार्य, सामग्री खरीदी के लिए शुभ माना जाता है। वहीं रवि योग में रजिस्ट्री, इंश्योरेंस, नए वाहन की खरीदी जैसे काम किए जा सकते हैं।
आदिशक्ति की उपासना सभी उद्देश्यों को पूर्ण करने वाली
पं. अमर डिब्बावाला ने बताया कि देवी भागवत महापुराण के अनुसार ज्ञान, बुद्धि, शक्ति, ऊर्जा को प्रदान करने वाली मां शक्ति की उपासना सभी प्रकार के उद्देश्यों को पूर्ण करने वाली मानी जाती है। सभी को अपनी शारीरिक एवं बौद्धिक स्थिति अनुसार उपासना करनी चाहिए जिससे मां शीघ्र प्रसन्न होकर कल्याण का मार्ग खोलती हैं।
12 को नवमी-दशमी का योग
11 अक्टूबर को महाष्टमी दोपहर 12.07 बजे तक रहेगी। इसके बाद नवमी तिथि लग जाएगी जो 12 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तक रहेगी। इसके बाद विजयादशमी पर्व मनाया जाएगा।