ISRO के सूर्य मिशन ने बढ़ाया एक और कदम

धरती से अब 72 हजार km दूर

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Aditya-L1 की धरती के चारों तरफ तीसरी ऑर्बिट बदल दी गई है. इसे अर्थ बाउंड मैन्यूवर (EBN#3) कहते हैं. इस समय ISRO का सूर्य मिशन पृथ्वी के चारों तरफ 296 km x 71767 km की अंडाकार कक्षा में घूम रहा है. इस दौरान आदित्य पर मॉरशिस, बेंगलुरु के ISTRAC, श्रीहरिकोटा के SDSC-SHAR और पोर्ट ब्लेयर से निगरानी की गई. अब आदित्य की अगली ऑर्बिट 15 सितंबर की देर रात 2 बजे की जाएगी. जिसे EBN#4 कहा जा रहा है. इससे पहले अपनी सही सेहत की जानकारी देने के लिए Aditya-L1 अपनी सेल्फी भेजी है.

यह भी बताया है कि उसके सारे कैमरे सही काम कर रहे हैं. उसने पृथ्वी और चांद की फोटो भी ली है. साथ ही वीडियो भी बनाया है. Aditya-L1 अभी 18 सितंबर तक धरती के चारों तरफ चार बार ऑर्बिट बदलेगा. एक बार आदित्य L1 तक पहुंच जाएगा.

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तब वह हर दिन 1440 तस्वीरें भेजेगा. ताकि सूर्य की बड़े पैमाने पर स्टडी की जा सके. यह तस्वीरें आदित्य में लगा विजिबल एमिशन लाइन कोरोनाग्राफ (VELC) लेगा. वैज्ञानिकों के अनुसार पहली तस्वीर फरवरी में मिलेगी. VELC को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स ने बनाया है.

इसरो के सूर्य मिशन में लगा VELC सूरज की HD फोटो लेगा. धरती के चारों तरफ ऑर्बिट इसलिए बदला जा रहा है ताकि वह इतनी गति हासिल कर ले कि वह 15 लाख km की लंबी यात्रा को पूरा कर सके. L1 तक की यात्रा पूरी करने के बाद आदित्य के सारे पेलोड्स ऑन किए जाएंगे. यानी उसमें जितने भी यंत्र लगे हैं, वो एक्टिव हो जाएंगे.

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वो सूरज की स्टडी शुरू कर देंगे. लेकिन बीच-बीच में उनके सलामती की जांच के लिए उन्हें एक्टिव किया जा सकता है. यह देखने के लिए वो ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं.

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