हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख का महीना दान-पुण्य के लिए बेहद शुभ माना जाता है. साथ ही अमावस्या की तिथि बड़ी पावन और विशेष मानी गई है. साल में 12 अमावस्या की तिथियां पड़ती हैं. वैशाख महीने में पड़ने वाली अमावस्या वैशाख अमावस्या कहलाती है. इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु का पूजन का विधान है. साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है. इस बार तिथि को लेकर असमंजस लोगो के बीच बना हुआ है. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते है. सही तिथि व शुभ मुहूर्त.
जानिए कब है वैशाख अमावस्या और शुभ मुहुर्त?
वैदिक पंचांग के अनुसार वैशाख कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 28 मिनट पर होगा. अमावस्या तिथि समाप्त 27 अप्रैल को देर रात 1 बजकर 2 मिनट पर होगी. उदयातिथि के अनुसार, वैशाख अमावस्या 27 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी. जिसमें सुबह 4:10 से लेकर 4:52 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा. वहीं दोपहर 12:11 से लेकर 1:02 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इस दौरान स्नान दान करना बेहद शुभ माना जाएगा.
स्नान का यह मुहूर्त सबसे श्रेष्ठ
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख अमावस्या के दिन स्नान के लिए सबसे शुभ ब्रह्म मुहूर्त माना जाता है. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में डुबकी लगाने से अधिक और विशेष पुण्य प्राप्त होता है. इसलिए इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए. स्नान करने के बाद दान-पुण्य करना चाहिए.
जानिए वैशाख अमावस्या का धार्मिक महत्व ?
वैशाख अमावस्या के दिन दान और स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. वैशाख की अमावस्या पर दान करने से पितृ दोष के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है.इसके अलावा वैशाख अमावस्या पर पवित्र नदियों में स्नान जरूर करना चाहिए.वहीं, इस दिन गाय, कौवे और कुत्ते को भोजन कराने से जीवन के कष्ट दूर हो सकते हैं.
वैशाख अमावस्या पर करें इन चीजों का दान
सनातन धर्म में अन्न का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है अन्न का दान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है और दान करने वाले व्यक्ति को सुख- सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
वैशाख अमावस्या के दिन वस्त्र दान करने से व्यक्ति की आयु में वृद्धि होती है और उसे वैकुंठ में स्थान मिलता है. वस्त्र दान से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, और उसे अनंत सुखों का अनुभव होता है.
अमावस्या पर जल से भरे कलश का दान करना बहुत ही शुभ होता है. मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति को सौ बार किए गए श्राद्ध के बराबर पुण्य मिलता है. इसके अलावा पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
इस दिन घी का दान करने से व्यक्ति को सहस्त्र यज्ञ के समान पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आप चन्दन, पान और फूल का भी दान कर सकते हैं. इससे जीवन में सुख समृद्धि बनी रहती है.
वैशाख अमावस्या के दिन काले तिल या तिल से बनी चीजों का दान करना अच्छा होता है. कहते है ऐसा करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है.
वैशाख अमावस्या पूजा मंत्र
ॐ पितृ देवतायै नम:
ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।