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हैदराबाद से सीखी कचरे से कमाई की प्लानिंग

महापौर ने कहा- कचरा कलेक्शन प्रबंधन में नई योजना पर काम करेंगे

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। कचरा प्रबंधन के लिए उज्जैन नगर निगम अब नई प्लानिंग करने की तैयारी में है। हाल ही मेें हैदराबाद से कचरा प्रबंधन की तकनीक सीख कर आए महापौर का मानना है कि कचरा प्रबंधन से यहां भी बिना रुपए खर्च किए कमाई की जा सकती है।
महापौर मुकेश टटवाल के साथ एमआईसी मेंबर और अधिकारियों की टीम हाल ही में हैदराबाद का दौरा कर लौटी है। टीम ने वहां नगर पालिक निगम के कचरा प्रबंधन को बारीकी से समझा है। महापौर ने बताया कि वहां कचरा प्रबंधन निजी गाडिय़ों के माध्यम से होता है और भुगतान घर-दुकानों से होता है। जो सुविधाजनक है।

महापौर ने बताया कि 1 करोड़ 20 लाख की आबादी वाले हैदराबाद शहर में निजी कचरा वाहन घर, दुकान और होटल-प्रतिष्ठानों से गीला-सूखा कचरा एकत्र कर नगरीय निकाय को निष्पादन के लिए सौंपते हैं। बदले में ये घर-दुकान-होटलों से 100, 200, 250 रुपए प्रतिमाह की राशि लेते हैं। इससे नगर निगम पर कचरा कलेक्शन का भार नहीं होता। उज्जैन में नगर निगम को 2200 रुपए प्रति क्विंटल कचरा कलेक्शन का ही चुकाना पड़ता है, जो इस योजना से पूरी तरह बच सकता है।

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ननि के बाहर से भी कर सकते हैं कलेक्शन

महापौर ने बताया कि निजी वाहनों की मदद से शहर के साथ ही नगर निगम की सीमा के बाहर स्थित होटल, मैरिज गार्डन का कचरा भी कलेक्ट किया जा सकता है। वर्तमान में ऐसी व्यवस्था नहीं है, इस कारण ये लोग खुले में या नदी किनारे कचरा फेंकते हैं जिससे प्रदूषण बढ़ता है। महापौर ने बताया कि टीम हाल ही में दौरा कर आई है जल्दी ही योजना बनाकर नगर निगम में पेश करेंगे।
सीखने के साथ ही धार्मिक लाभ भी: एमआईसी मेंबर और नगर निगम के अधिकारियों का यह अध्ययन टूर दो दिनों का था। इसी दौरान इन्होंने श्री शैलम और मल्लिकार्जुन की यात्रा कर धर्मलाभ भी उठाया।

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नेता प्रतिपक्ष ने उठाया सवाल-निगम में कंगाली का दौर, महापौर-पार्षद ले रहे यात्रा के मजे

नगर निगम की आर्थिक स्थिति दयनीय है इसके बावजूद महापौर और भाजपा पार्षदों द्वारा हैदराबाद, श्रीशैलम और मल्लिकार्जुन जैसे स्थानों की 5 दिनी यात्रा की जा रही है। इस मुद्दे पर राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने इस यात्रा को नगर निगम के धन का अपव्यय बताते हुए यात्रों की कड़ी निंदा की है।

रवि राय ने कहा कि भाजपा के महापौर मुकेश टटवाल और पार्षद यदि यात्रा करना चाहते हैं, तो उन्हें अपने निजी पैसों से करनी चाहिए, न कि नगर निगम के लाखों रुपये बर्बाद करने चाहिए।

चार लाख रुपए लिए टूर के लिए: नेता प्रतिपक्ष ने निगम की खराब वित्तीय हालत का हवाला देते हुए यात्रा के खर्च पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा टूर के लिए नगर निगम से चार लाख रुपए का एडवांस लिया गया है। दूसरी ओर आर्थिक तंगी के कारण नगर निगम ठेकेदारों का भुगतान नहीं करा पा रहा है, जिससे शहर में विकास कार्य ठप्प पड़े हैं। शहर की आधे से अधिक स्ट्रीट लाइटें बंद हैं, कचरा गाडिय़ां खराब पड़ी हैं, पानी की पाइपलाइनें दुरुस्त नहीं हैं, और सडक़ें जर्जर हैं। एक तरफ नगर निगम संपत्ति कर बढ़ा रहा है, वहीं दूसरी ओर जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये यात्रा पर खर्च किए जा रहे हैं।

टूर शहर के लिए लाभदायी
हैदरबाद का अध्ययन टूर शहर के लिए लाभदायी है। अभी वहां से लौटे हैं, नगर निगम को कचरा कलेक्शन की प्लानिंग देंगे। ये टूर नगर निगम के रुपयों की बर्बादी
नहीं है।
– मुकेश टटवाल,
महापौर

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