Advertisement

उज्जैन के ब्राह्मी राठौर बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। सेना तक पहुुंचने का रास्ता आसान नहीं होता। वह भी यूपीएससी सीडीएस जैसा कठिन रिटर्न और एसएसबी जैसा इंटरव्यू टेस्ट लेकिन उज्जैन के एक युवा ने खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से खुद पूछें बता तेरी रजा क्या है शेर की तरह खुद को इतना बुलंद किया और दोनों प्रतिष्ठित परीक्षाएं आसानी से पास कर ली। उनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर हुआ है। जनवरी 2026 से उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी। डेढ़ साल की ट्रेनिंग के बाद वह आर्मी में कमीशन होंगे।

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

इस युवा का नाम है ब्राह्मी राठौर। वह केशवनगर में रहने वाले महेंद्र राठौर के बेटे हैं। युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने ब्राह्मी ने स्कूली शिक्षा शास्त्रीनगर स्थित स्कूल ऑफ एक्सीलेंस से की और ग्रेजुएशन माधव साइंस कॉलेज से। 2023 में बीएससी मैथेमेटिक्स से करने के बाद ब्राह्मी ने अपना पूरा फोकस यूपीएससी की कॉमन डिफेंस सर्विस (सीडीएस) पर लगाया। पहले दो प्रयास में तो वह सफल नहीं रहे लेकिन तीसरी कोशिश में उन्होंने यह प्रतिष्ठित एग्जाम पास कर ली और लेफ्टिनेंट के लिए चुन लिए गए।

ब्राह्मी ने अक्षरविश्व से अपनी सफलता साझा की और बताया कि सीडीएस के लिए फोकस्ड तैयारी की जरुरत होती है। रिटर्न टेस्ट के लिए हमारा बेसिक मजबूत होना जरूरी है, जबकि इंटरव्यू के लिए हमारी मानसिक स्थिति सशक्त होनी चाहिए। क्योंकि यह एग्जाम एक लीडर को चुनने के लिए होती है, इसलिए प्रतियोगी को कई टेस्ट से गुजरना होता है।

Advertisement

कैसे होता है टेस्ट

यूपीएससी सीडीएस परीक्षा के लिए हर साल विज्ञापन जारी करता है। इसमें सबसे पहले रिटर्न टेस्ट होता है। इसमें तीन पेपर होते हैं। पहला अंग्रेजी, दूसरा जनरल साइंस और तीसरा मैथेमेटिक्स। तीनों का कुल स्कोर 340 रहता है। अमूमन कटऑफ 170 तक रहता है। कटऑफ हासिल करने वाले प्रतियोगियों को एसएसबी (सर्विस सिलेक्शन बोर्ड) इंटरव्यू के लिए बुलाता है। यह इंटरव्यू जालंधर, भोपाल, प्रयागराज और बैंगलुरु में सेना यूनिट में होते हैं।

Advertisement

पांच दिन तक चलने वाली इंटरव्यू की यह प्रक्रिया बड़ी कड़ी होती है। पहले दिन रिटर्न क्लीयर करने वाले प्रतियोगियों की स्क्रीनिंग तीन टेस्ट के जरिये की जाती है। इस टेस्ट के जरिये चुने एक तिहाई प्रतियोगियों को अगले टेस्ट के लिए भेजा जाता है। यह दौर बड़ा कठिन होता है, क्योंकि यही प्रतियोगी को बतौर लीडर चुनने के लिए कई टेस्ट से गुजरना होता है।

इनकी संख्या 9  होती है। इन टेस्ट में ग्रुप प्लानिंग, ग्रुप टॉस्क, , हॉक ग्रुप टॉस्क, ग्रुप डिस्कशन, लेक्चरिंग, इंडिविजुअल इंटेलिजेंसी और फाइनल ग्रुप टॉस्क होते हैं। इनमें से चुने गए प्रतियोगी का इंटरव्यू होता है और पांचवें दिन कॉन्फ्रेंस में सेना के बड़े अफसर सिलेक्शन की जानकारी देते हैं। सीडीएस से चुने गए प्रतियोगियों की नियुक्ति तीनों सेनाओं में की जाती है और उनके लिए बीस साल की सेवा अनिवार्य होती है।

बाह्मी के टिप्स

रिटर्न टेस्ट के लिए बेसिक मजबूत होना चाहिए। इसलिए अपना फाउंडेशन मजबूत रखें। खुद ही नोट्स बनाएं , ताकि याद रखने में आसानी हो। स्टडी रेगुलर करें। यानी कम से कम चार घंटे जरूर पढ़ें। नियमितता जरूरी है, ऐसा नहीं हो कि एक दिन आठ घंटे पढ़ लिए और बाकी दो दिन अवकाश रख लिया। एसएसबी के लिए खुद को मजबूत रखें। खासकर अपना व्यक्तितत्व निखारें, क्योंकि लीडर बनने के लिए घुलना-मिलना जरूरी है।

सफलता का श्रेय

ब्राह्मी अपना सफलता का श्रेय पिता महेंद्र राठौर, मां शीला और दादी सरस्वती देवी को देते हैं। उनका कहना है कि इनके आशीर्वाद से ही वह सफल हो सके हैं।

Related Articles