ऑस्ट्रिया की कंपनी ने तैयार की डिजाइन टेक्निकल डिजाइन बनने में लगेगा 1 माह
सिंहस्थ में लोग इसमें बैठकर महाकाल महालोक का देख सकेंगे नजारा
अक्षरविश्व न्यूज|उज्जैन। रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप-वे का प्रोजेक्ट तीन साल से कागजों पर ही सफर कर रहा है। अब जून माह में इसका काम शुरू होने की उम्मीद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से भूमिपूजन करने की घोषणा के साथ बढ़ी है। रोप-वे का सफर पूरा होना आसान नहीं है, अभी दो साल और इंतजार करना पड़ेगा। यानी सिंहस्थ 2028 में ही लोग इसमें बैठकर महाकाल लोक का हवाई दृश्य देखते हुए मंदिर जा सकेंगे।
महाकाल मंदिर देश का पहला ऐसा ज्योतिर्लिंग मंदिर होगा जहां पहाड़ी इलाका न होने के बाद भी केवल स्टेशन से मंदिर के नजदीक जाने के लिए रोप-वे होगा। तीन साल पहले हुई घोषणा के बाद भूमिपूजन की संभावना बनी है। गुरुवार को केंद्रीय मंत्री गडकरी ने बदनावर में आयोजित बदनावर-उज्जैन फोरलेन के लोकार्पण समारोह के मंच से घोषणा की है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भूमिपूजन के लिए अनुरोध किया है, वे आएंगे और भूमिपूजन करेंगे। अभी इसकी तारीख तय नहीं है लेकिन उन्होंने घोषणा की है कि इसका अवॉर्ड कर दिया है।
अवॉर्ड का मतलब आर्थिक समस्या का समाधान
रोप वे के लिए टेंडर हो चुका है और कटक (उड़ीसा) की कंपनी को ठेका भी दिया जा चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग रसद प्रबंधन (नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड) के अधिकारियों के अनुसार ऑस्ट्रिया की एक कंपनी ने इसकी डिजाइन तैयार की है। कंपनी द्वारा बैंक से इसके लिए कर्ज लिया गया है। बैंक द्वारा फाइनेंशियल क्लोजर देने की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। अवॉर्ड होने का अर्थ है कि अब वित्तीय समस्या का समाधान हो गया है। केवल शेष प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू किया जाना है।
अब आगे की तीन स्टेप
1. डेट ऑफ अपॉइंटमेंट जारी होगी। यानी इस दिन से काम शुरू किया जा सकेगा। इसमें एक से डेढ़ हफ्ता लग सकता है।
2. कंपनी द्वारा टेक्निकल डिजाइन तैयार कराई जाएगी। इसमें एक माह का समय लगने की संभावना।
3. दो साल में प्रोजेक्ट पूरा हो सकेगा। यानी मार्च 2027 तक पूरा होने की उम्मीद।
तीन साल में रोप-वे का सफर
24 फरवरी 2022 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उज्जैन में की थी घोषणा।
13 अक्टूबर 2022 को गडकरी ने स्वयं ट्वीट कर इसकी स्वीकृति दी थी।
तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्रसिंह ने रोप-वे के लिए 209 करोड़ रुपए स्वीकृत होने की घोषणा की थी।
नवंबर 2023 में इसका टेंडर ओडिशा की कंपनी एमएस इंफ्रा इंजीनियर्स प्रालि कंपनी ने लिया।
अप्रैल 2025 में कंपनी को अवॉर्ड मिल सका।
कंपनी ने 198 करोड़ रु. में ठेका लिया है।
यह है योजना
स्टेशन से महाकाल लोक में त्रिवेणी संग्रहालय के पास तक 1.762 किमी लंबा ट्रैक होगा।
रोप-वे में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक 3 स्टेशन बनाए जाएंगे।
यह एल शेप का रोप-वे होगा और मोनोकेबल डिटैचेबल गोंडोला (एमडीजी) सिस्टम से ऑपरेट होगा।
रोप-वे में 48 कैबिन होंगे। हर एक कैबिन में एक समय में 10 लोग बैठ सकेंगे।
इससे रेलवे स्टेशन से मंदिर के पास तक का सफर 7 से 8 मिनट में पूरा होगा।