आस्था के महापर्व महाकुंभ 2025 (Mahakumbh 2025) का आज भव्य आगाज हो गया है। पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के पावन अवसर पर प्रयागराज के संगम तट पर लाखों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़ ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। सुबह से ही ‘हर-हर महादेव’ और ‘जय श्री राम’ के जयघोष से पूरा महाकुंभ नगर गुंजायमान है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, दिन के अंत तक करीब एक करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने की उम्मीद है। महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा, जिसमें पहला शाही स्नान 14 जनवरी को होगा।
मेला क्षेत्र में आए श्रद्धालुओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। तिलक लगाने वाले प्रदीप उपाध्याय ने बताया, “2019 के कुंभ की तुलना में इस बार श्रद्धालुओं में कहीं अधिक उत्साह देखने को मिल रहा है।”
स्थानीय व्यापारियों के लिए भी यह पर्व आर्थिक समृद्धि का कारण बन रहा है। फूलपुर से आई दुकानदार संतोषी देवी ने बताया, “गंगाजल स्टोर करने वाले डिब्बों की मांग सबसे अधिक है। श्रद्धालु पूजन सामग्री भी बड़ी मात्रा में खरीद रहे हैं।इस वर्ष का महाकुंभ न केवल भव्यता में बल्कि श्रद्धालुओं की संख्या में भी पिछले सभी आयोजनों को पीछे छोड़ सकता है। आगामी 45 दिनों में सरकार के अनुमान से भी अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
इस महाकुंभ में देश-दुनिया से 45 करोड़ श्रद्धालुओं, संतों-भक्तों, कल्पवासियों और अतिथियों के शामिल होने का अनुमान है। 144 साल बाद दुर्लभ संयोग में यह महाकुंभ माना जा रहा है।
विपरीत विचारों, मतों, संस्कृतियों, परंपराओं स्वरूपों का महामिलन 45 दिन तक गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के तट पर चलेगा। महाकुंभ में इस बार 183 देशों के लोगों के पहुंचने की उम्मीद है। कुंभनगरी में सेक्टर-18 में वीआईपी गेट भी बनाया गया है। इस पॉइंट पर 72 देशों के राष्ट्रध्वज लगे हैं, जिनके प्रतिनिधि औपचारिक रूप से मेले में शामिल होने के लिए आ रहे हैं।