दुर्लभ संयोग में होगा माता महालक्ष्मी का आगमन

दर्श अमावस्या, हंस महापुरुष बुद्धादित्य योग में मनेगी दिवाली
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मंगल, सूर्य और बुध की विशेष युति सभी के लिए शुभफलदायी
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। दीपावली महापर्व 20 अक्टूबर (सोमवार) को मनाया जाएगा, जो ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत शुभकारी है। इस दिन दर्श अमावस्या, हंस महापुरुष योग, बुद्धादित्य योग और कलात्मक योग जैसे दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिनके संयुक्त प्रभाव में घर-घर महालक्ष्मी का आगमन होगा। ज्योतिर्विद पं. अजय व्यास के अनुसार, 20 अक्टूबर को मंगल, सूर्य और बुध जैसे तीन प्रमुख ग्रह आपस में मिलेंगे, जिसका संयुक्ख्त प्रभाव सभी राशि के लोगों के लिए शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। कार्तिक अमावस्या को दीपावली पूजन स्थिर लग्न में करने का विधान है। अमावस्या की रात जो भी स्थिर लग्न में महालक्ष्मी की पूजा करते हैं, उनके घर में मां लक्ष्मी की स्थिरता बनी रहती है।
आज धन्वंतरि पूजन कल दीपदान करें
आज धन और आरोग्य के देवता धन्वंतरि का पूजन होगा, कल रूप चतुर्दशी पर पितरों के निमित्त दीपदान किया जाएगा। सम्राट विक्रमादित्य विवि ज्योतिष विभाग के ज्योतिषाचार्य डॉ. सर्वेश्वर शर्मा ने बताया कि आज धन्वंतरि पूजन का शुभ समय दोपहर 1.38 से शाम 4.21 तक, शाम 6 से 7.31 तक एवं रात 9 से 12.10 तक रहेगा। 19 अक्टूबर को रूप चतुर्दशी पर पितरों के निमित्त दीपदान शाम 6 से रात 10.30 बजे तक कर सकेंगे।
20 अक्टूबर को दीपावली की शुरुआत प्रात: अभ्यंगन तेल उबटन स्नान के साथ करें। इसके बाद शुभ मुहुर्त में लक्ष्मीपूजन करें। 21 अक्टूबर को अमावस्या के कार्य करें। गोवर्धन पूजन और अन्नकूट उत्सव का शुभ समय 22 अक्टूबर को शाम 4.30 से रात 10.30 तक रहेगा। भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाएं। दोपहर 12.10 से 3 बजे तक और शाम 4.30 से रात 9 बजे तक शुभ समय है।
लक्ष्मीपूजन के शुभ मुहूर्त
दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन प्रदोष काल संध्या एवं निशारात्रि में शास्त्र सम्मत है। 20 अक्टूबर को 04.30 से होने से दर्श अमावस्या पूर्ण कहलाएगी।
लक्ष्मीपूजा का स्थिर लग्न
वृषभ लग्न-शाम 7.24 से रात 9.24 बजे तक। निशा रात्रि सिंह लग्न- रात1.52 बजे से 3.52
बजे तक। अभिजित मुहूर्त -दिन में 11.43 से 12.28 तक। रात 10.31 से 12.06 बजे तक।
इस बार दीपावली के दिन बन रहे चार दुर्लभ ज्योतिषीय योग
1. हंस महापुरुष योग- बृहस्पति देव अपनी उच्च की राशि कर्क में गोचर करके इस राजयोग का निर्माण कर रहे हैं। यह योग धन, सम्मान, ज्ञान और सफलता के लिए अत्यंत शुभ है।
२.बुधादित्य योग- तुला राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बना है, जो बुद्धि, नेतृत्व क्षमता और सफलता प्रदान करता है।
३. कलात्मक योग- कन्या राशि में शुक्र और चंद्र की युति कलात्मक योग बना रही है, जो व्यक्ति को सुख-सुविधाएं और मानसिक शांति प्रदान करती है।
४.शनि वक्री योग न्याय के देवता शनि देव इस दिन वक्री चाल में मीन राशि में रहेंगे, जो कुछ राशियों के लिए धन लाभ और अप्रत्याशित सफलता के योग बनाता है।
आज पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग का दुर्लभ संयोग
उज्जैन। धनतेरस महापर्व आज मन रहा है। बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपति पं. चंदन श्यामनारायण व्यास ने बताया कि इस दिन पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और ब्रह्म योग बन रहा है, जो इसे अत्यंत शुभ और खास बना रहा है। धनतेरस पर स्थिर लग्न में पूजा करने से मां लक्ष्मी की स्थिरता बनी रहती है।
धनतेरस पूजन के शुभ मुहूर्त
चर: दोपहर 12.20 से 01.38 तक, लाभ- दोपहर 01.38 से 03.05 तक, अमृत- दोपहर 03.०5 से 04.32 तक, लाभ- शम 05.59 से 0732 तक, शुभ- रात 09.05 से 10.39 तक और अमृत रात10.39 से 12.12 तक।
शुभ खरीदारी
धनतेरस के दिन खड़ा नमक, गुड़, खड़ा धना, कुमकुम और हल्दी जरूर खरीदें। इसके अलावा, सोना-चांदी के अलावा बर्तन, वाहन, कुबेर यंत्र, गोमती चक्र और झाड़ू खरीदना भी शुभ माना जाता है।
शुभ मुहूर्त (स्थिर लग्न)
स्थिर कुंभ लग्न: दोपहर 02.48 से 04.21 तक, स्थिर वृषभ लग्न- शाम 07.32 से 09.31 तक और स्थिर सिंह लग्न- मध्य रात्रि 02.01 से 04.13 बजे तक।
देसी लाल गाय का पूजन: पं. व्यास ने बताया कि इस दिन देशी लाल गाय का पूजन करने का विशेष महत्व है, क्योंकि शास्त्रों में गाय को एकमात्र ऐसा जीव बताया गया है, जिसका मूत्र और गोबर दोनों ही पूजा में उपयोगी और पूजित है।










