MP में पेट्रोल और डीजल संकट गहराया

एमपी पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने कहा कि 4900 में से 1000 पेट्रोल पंप 40% तक ईंधन की आपूर्ति में कमी के कारण सूख गए हैं।

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पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के सांसद अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा कि हालात दिन पर दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। अगर सरकार ने तीन दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की तो राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी। सिंह ने कहा, ‘एक हजार पेट्रोल पंप सूखने की खबर के बाद पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ देखी गई।

उन्होंने आगे कहा, ‘इंडियन ऑयल की आपूर्ति ठीक है, लेकिन हिंदुस्तान और भारत पेट्रोलियम ने आपूर्ति को 40% तक कम कर दिया। यहां तक ​​कि भौंरी क्षेत्र स्थित डिपो ने भी भरने का समय दो घंटे कम कर दिया है। पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के मुताबिक राज्य में रोजाना 27.70 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल की खपत होती है, लेकिन कंपनियां 1.5 करोड़ लीटर से भी कम ईंधन दे रही हैं। एसोसिएशन के अनुसार, संकट के पीछे कई कारण हैं।

सिंह ने कहा, ‘मध्य प्रदेश में सोयाबीन की बुवाई के मौसम और चावल और पंचायत चुनावों के कारण मांग 20-25% तक बढ़ जाती है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां मांग से 40% कम ईंधन की आपूर्ति कर रही हैं। सिंह ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क कम करने के बाद तेल कंपनियों ने आपूर्ति कम कर दी है। डीलर्स एसोसिएशन ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर स्थिति बिगड़ने से पहले इस मामले पर कार्रवाई करने को कहा है।

उज्जैन। तेल कंनलियों द्वारा ईधन (पेट्रोल-डीजल) सप्लाय घटाने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में डीजल की किल्लत की बात सामने आ रही है। खरीफ फसलों की बोवनी के लिए किसानों को अब डीजल की सर्वाधिक दरकार है। सरकार ने सभी जिलों से पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति को लेकर रिपोर्ट बुलाई है। खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग आयल कंपनियों के अधिकारियों के साथ आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर बैठक करेगा।

तेल कंनलियों द्वारा ईधन (पेट्रोल-डीजल) सप्लाय घटाने से पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। खासकर बोवनी का समय है और ग्रामीण क्षेत्र में डीजल की मांग है। इसके लिए न केवल परेशान हो रहे,बल्कि इधर-उधर से ईधन की जुगाड कर रहे है। इसे देखते हुए सरकार ने सभी जिलों से मांग और आपूर्ति की रिपोर्ट मांगी है। इसके आधार पर आकलन करके आयल कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। इसमें आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने के संबंध में चर्चा की जाएगी। बता दें कि प्रदेश में अधिकांश जगहों पर पेट्रोल पंपों पर तेल की आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। आगे हालात और बिगड़ सकते हैं।

खरीफ फसलों की बोवनी और उसकी तैयारी के लिए डीजल की मांग बढ़ रही है। आपूर्ति बाधित होने से बोवनी का कार्य प्रभावित होगा। क्योंकि अब खेती के अधिकांश कार्य ट्रेक्टर से होते हैं। इसके लिए डीजल चाहिए। डीजल आपूर्ति की व्यवस्था यदि बहाल नहीं होती है तो सार्वजनिक परिवहन और सामग्रियों की आपूर्ति का संकट खड़ा हो जाएगा।

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