अक्षरविश्व एक्सक्लूसिव : अयोध्या हिंदुओं को सौंपने की पहल करने वाले मुहम्मद आएंगे उज्जैन

विक्रमोत्सव में आएंगे नेपाल सहित देश के 15 से अधिक इतिहासविद
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देश का एक कैलेंडर बनाने के प्रस्ताव पर होगा मंथन
सुधीर नागर उज्जैन। महाकाल नगरी उज्जैन में अगले माह से शुरू होने वाले विक्रमोत्सव के अंतर्गत इतिहासकारों के समागम में नेपाल सहित देशभर के कई इतिहासविद शामिल होंगे। काशी और मथुरा को हिंदुओं को सौंपने की बात कहने वाले और अयोध्या में बाबरी ढांचे के नीचे मंदिर होने की रिपोर्ट तैयार करने वाले सेवानिवृत्त आर्कियोलॉजिस्ट केके मुहम्मद ने भी इसमें शामिल होने की स्वीकृति दे दी है। इतिहासकारों के सम्मेलन में देश के इतिहास में संशोधन पर भी मंथन होगा।
विक्रमोत्सव इस बार 24 फरवरी से आरंभ होकर 30 जून तक चलेगा। इस दौरान 10 से 12 मार्च तक देश के नामचीन इतिहासकारों और संस्कृतविदों का समागम होगा। आयोजन समिति से जुड़े पुराविद् डॉ. रमण सोलंकी ने बताया इसकी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। विभिन्न इतिहासविदों से संपर्क कर उनकी स्वीकृति लेने का काम चल रहा है। इस बार का सम्मेलन इसलिए भी महत्वपूर्ण होगा क्योंकि इसमें देश का एक कैलेंडर बनाने जैसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मंथन होगा और विक्रम संवत् को राष्ट्रीय संवत् बनाने का प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन विक्रमोत्सव की तैयारियां चल रही हैं। इसके लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी निरंतर संपर्क में हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह कि सेवानिवृत्त पुरातत्वविद पद्मश्री केके मुहम्मद भी इस सम्मलेन में शरीक होंगे और विभिन्न विषयों पर मंथन करेंगे। उनकी उपस्थिति में काशी और मथुरा के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण चर्चा होने के आसार हैं।
मुहम्मद का उज्जैन आना इसलिए अहम
केके मुहम्मद एक प्रसिद्ध भारतीय पुरातत्वविद् हैं और वर्तमान में आगा खान संस्कृति ट्रस्ट में पुरातात्विक परियोजना निदेशक हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के क्षेत्रीय निदेशक भी रह चुके हैं।
साल 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया था।
अयोध्या में हुई खुदाई में हिस्सा लिया और चंबल के बटेश्वर मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया था।
अयोध्या में रामजन्मभूमि से जुड़े 12 शिलाओं की खोज करने वाले आर्कियोलॉजिस्ट।
मुहम्मद ने काशी-मथुरा विवाद पर बड़ा दिल दिखाने की बात कही
पिछले साल मुहम्मद ने यह बयान देकर सबको चौंका दिया था कि काशी और मथुरा हिंदुओं को सौंप देना चाहिए। काशी-मथुरा विवाद पर कहा था कि मुसलमान बड़ा दिल दिखाएं। काशी-मथुरा हिंदुओं को सौंप दें क्योंकि इनमें हिंदुओं की आस्था है। हिंदुओं की वजह से भारत सेक्युलर देश है। इसके लिए मुसलमानों को हमेशा शुक्रगुजार होना चाहिए। मुसलमान के लिए पाकिस्तान बना था। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी और मथुरा की शाही ईदगाह हिन्दुओं को सौंपना ही विवाद का एकमात्र समाधान है।