आयुक्त ने जोन वाइस उपायुक्त और सब इंजीनियरों व राजस्व अमले की टीम बनाई
अक्षरविश्व न्यूज:उज्जैन। गंभीर डेम अपनी पूरी क्षमता से भरने के बाद शहरवासियों द्वारा एक ओर जहां प्रतिदिन जलप्रदाय की मांग की जा रही है वहीं दूसरी ओर नगर निगम व पीएचई की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण पंप संचालन-संधारण ठेकेदार का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। स्थिति यह हो चुकी है कि अब नगर निगम आयुक्त ने अपने उपायुक्तों को जलकर वसूली के अभियान में लगाया है।
ऐसे हो रहा शहर में जलप्रदाय: गंभीर डेम से पानी लेकर शहर में एक दिन छोड़कर जलप्रदाय किया जा रहा है। जलप्रदाय के लिये गंभीर इंटकवेल पर लगे पम्प व लाइन मेंटेनेंस का काम ठेकेदार को दिया गया है। पीएचई व नगर निगम द्वारा ठेकेदार को लंबे समय से भुगतान नहीं किया गया इस कारण मेंटेनेंस न होने की वजह से शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय करना मुश्किल है। अफसरों का कहना है कि यदि शहर में प्रतिदिन जलप्रदाय किया जाता है ऐसी स्थिति में गंभीर के पंप काम करना बंद कर सकते हैं।
रेसीडेंसियल भवन हो गये कमर्शियल
नगर निगम आयुक्त ने अपने आदेश में उल्लेख किया है कि उज्जैन शहर में महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद अनेक कालोनी, बस्तियों के आवासीय भूमि, भवनों में होटल, लॉज, यात्रीगृह, रेस्टोरेंट, ढाबा, भोजनालय एवं अन्य व्यवसायिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं किंतु संबंधितों के द्वारा नियमानुसार नगर निगम को व्यवसायिक जलकर जमा नहीं कराया जा रहा है। उक्त कार्य को निगम के आर्थिक हित का होने से उक्त कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाकर पीएचई कार्यालय में प्रतिदिन की गई कार्यवाही से अवगत कराया जावे।
ऐसे होगी जलकर की वसूली
आयुक्त ने नगर निगम में पदस्थ उपायुक्त मनोज मौर्य, प्रेम कुमार सुमन, संजेश गुप्ता, आरती खेडेकर, कृतिका भीमावद, योगेन्द्र पटेल के साथ सहायक संपत्तिकर अधिकारी, भवन निरीक्षक, भवन दरोगा, उपयंत्री पीएचई, बिल क्लर्क, बिल वितरक की ड्यूटी जलकर वसूली अभियान में लगाई है। उक्त लोगों की टीम झोन वाइस आवासीय भवनों में संचालित व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के अनुक्रम में संबंधित भवन स्वामी के द्वारा नियमानुसार व्यवसायिक जलकर जमा किया जा रहा है कि नहीं नहीं किया जा रहा है तो ऐसी स्थिति में व्यवसाय प्रारंभ माह से नियमानुसार बकाया राशि की गणना कर संबंधित से बकाया राशि जमा कराने की कार्यवाही, संबंधित व्यवसायिक प्रतिष्ठान में अवैध कनेक्शन पाये जाने की स्थिति में तत्काल नियमानुसार कार्यवाही की जाकर जल कनेक्शन को वैध कराया जाना, संबंधित भवन स्वामी के द्वारा पीएचई की मेन राईजिंग लेन से यदि जल कनेक्शन किया गया है तो ऐसी स्थिति में तत्काल कनेक्शन विच्छेद कर संबंधित के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही संपादित की जायेगी।
40 करोड़ की वसूली करना है पीएचई को
पीएचई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग को शहर में 40 करोड़ रुपये की वसूली करना है। पीएचई की अकाउंट बुक में अनेक डिफाल्टर हैं जिन पर लाखों रुपये की जलकर वसूली बकाया है। हालांकि उक्त राशि डिफाल्टरों से वसूल पाना अफसरों के लिये मुश्किल साबित होगा क्योंकि पुरानी प्रापर्टी एक से अधिक लोगों को हस्तांतरित और विक्रय हो चुकी है। नये मालिकों द्वारा पीएचई से नये कनेक्शन भी प्राप्त कर लिये हैं। ऐसी स्थिति में पुराने मकान मालिक की तलाश करना और उससे राशि वसूल पाना पीएचई या नगर निगम के अफसरों के लिये संभव नजर नहीं आता।
तीन प्रकार के कनेक्शन दिए जाते हैं
पीएचई अफसरों ने बताया कि उपभोक्ताओं को जरूरत के हिसाब से तीन प्रकार के नल कनेक्शन पीएचई द्वारा दिये जाते हैं जिनमें इंडस्ट्रीयल, कर्मिशियल और रेसीडेंसल कनेक्शन होते हैं। उक्त कनेक्शन के बिल की राशि भी अलग-अलग होती है। वर्तमान में रेसीडेंसिशयल कनेक्शन का प्रतिमाह 120 रुपये वसूला जा रहा है।