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माधव कॉलेज प्राध्यापक विवाद में नया मोड़

17 लोगों की तीन कमेटियों ने एडी को भेजा लेटर

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एचओडी, सहायक प्राध्यापिका को हटाने की अनुशंसा

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा रखने वाले शासकीय माधव कॉलेज में एचओडी और सहायक प्राध्यापक के बीच हुए विवाद में नया मोड़ आ गया है।17 लोगों की सदस्यता रखने वाली कॉलेज की तीन कमेटियों ने एचओडी और प्राध्यापक को कॉलेज से हटाने की अनुशंसा की है। इस संबंध में उच्चशिक्षा विभाग के अपर संचालक को प्राचार्य ने लेटर भेज दिया है।

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मालूम हो कि शुक्रवार को कॉलेज के अपराध शास्त्र विभाग के एचओडी डॉ. चंद्रदीप यादव और विभाग की ही एक महिला सहायक प्राध्यापिका के बीच विवाद इस कदर बढ़ा था कि हाथापाई हो गई थी। आरोप है कि महिला प्राध्यापिका ने अपने मित्र की मदद से एचओडी को कमरे में बंद कर जमकर पीटा और इनसे बचने के लिए भागे एचओडी को सिर में गंभीर चोट आई। एचओडी ने महिला प्राध्यापक और उसके मित्र के खिलाफ जीवाजीगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जबकि महिला प्राध्यापक ने एचओडी पर यौन उत्पीडऩ का आरोप लगाते हुए महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। महिला पुलिस ने एचओडी के खिलाफ यौन उत्पीडऩ, एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है।

दोनों को हटाने की अनुशंसा की
प्राचार्य डॉ. कल्पना सिंह ने बताया तीनों कमेटियों के 17 सदस्यों ने एचओडी और सहायक प्राध्यापिका के आचरण को गंभीर अनुशासनहीनता माना है। दोनों को कॉलेज से हटाकर अन्यत्र पदस्थ करने की अनुशंसा की है। इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन की तरफ से उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त और उज्जैन संभाग के अतिरिक्त संचालक को रिपोर्ट और अनुशंसा भेज दी गई है।
प्राचार्य तक पहुंची शिकायत, बयान

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देने नहीं पहुंचे
घटना के बाद एचओडी डॉ. यादव ने प्राचार्य कल्पना सिंह को शिकायती आवेदन दिया। दूसरी ओर महिला प्राध्यापक ने भी ई-मेल के जरिये शिकायत की। आवेदन के बाद शनिवार को प्राचार्य ने कॉलेज की आंतरिक अनुपालन प्रकोष्ठ, अनुशासन समिति और महिला उत्पीडऩ एवं प्रतिशेष समिति की बैठक बुलाई। तीनों समितियों के १७ सदस्यों ने एचओडी और सहायक प्राध्यापिका को बयान के लिए तलब किया लेकिन दोनों बयान देने नहीं पहुंचे। एचओडी ने 8 अक्टूबर तक मेडिकल अवकाश ले लिया है तो सहायक प्राध्यापिका भी कोर्ट जाने का कहकर चली गई हैं।

11 माह में कभी यौन उत्पीडऩ की शिकायत नहीं: प्राचार्य डॉ. कल्पनासिंह ने बताया कि वह कॉलेज में करीब ११ महीने से प्राचार्य पद पर हैं लेकिन महिला प्राध्यापिका ने कभी भी उनसे यौन उत्पीडऩ की शिकायत नहीं की। एचओडी और प्राध्यापिका के बीच अकादमिक स्तर विवाद होता रहता था लेकिन यह इतने निम्न स्तर पर कभी नहीं पहुंचा।

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