दे श का ह्दय प्रांत मध्यप्रदेश गौरवशाली इतिहास और विश्वविख्यात सांस्कृतिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। सृष्टि के आरंभ से लेकर अब तक मानव सभ्यता के कई चिन्ह मध्यप्रदेश की धरती पर हैं। यहां पर्याप्त भू-संपदा, वन-संपदा, जल-संपदा, और खनिज-संपदा है। हम विगत एक वर्ष में भविष्य के विकसित मध्यप्रदेश निर्माण के साथ प्रदेश की विरासत को सहेजने के संकल्प को लेकर आगे बढ़े हैं।
यह हमारा सौभाग्य है कि डबल इंजन की सरकार का लाभ मध्यप्रदेश और प्रदेशवासियों को मिल रहा है। इस विशेष संयोग में प्रदेश ने नवाचारों के साथ विकास के कई कीर्तिमान स्थापित किये हैं। इन दिनों प्रदेश में जनकल्याण पर्व मनाया जा रहा है। यह प्रदेश की समृद्धि का उत्सव है। इसमें भविष्य की कई संभावनाएं आकार लेंगी। शासन-प्रशासन और प्रदेशवासी सभी मिलकर इस विकास की
गंगा को आगे बढ़ाऐंगे। आपकी सरकार आपके द्वार होगी और जनता के हित जनता तक पहुंचेंगे। इसमें नई सौगातें भी होंगी।
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नदी जोड़ो की कल्पना को मध्यप्रदेश में धरातल पर उतारा है। 17 दिसंबर को पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना तथा 25 दिसंबर को केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा किया जायेगा। यह आनंद का विषय है कि मध्यप्रदेश देश में पहला ऐसा राज्य है जहां दो नदी जोड़ो परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है।
पिछले दिनों रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित करके मध्यप्रदेश के गांव-गांव को औद्योगीकरण और आधुनिक उत्पाद से जोडऩे का प्रयत्न किया गया है। भविष्य में जिला स्तर पर भी इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित होंगी। हैदराबाद, कोयंबटूर तथा मुंबई में रोड-शो और यूके-जर्मनी के उद्योगपतियों को निवेश के लिये प्रदेश में आमंत्रित करना उद्योग विस्तार का उपक्रम है। क्षेत्रीयता से लेकर ग्लोबल स्तर तक उद्योग के लिए किया गया यह पहला नवाचार है। प्रधानमंत्री ने विकसित भारत निर्माण के लिए ज्ञान गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के सम्मान की बात कही है। हमने इन्हीं चार आधार स्तंभों पर केंद्रित समग्र विकास का रोडमैप तैयार किया है। प्रदेश सरकार गरीब कल्याण, युवा शक्ति, किसान-कल्याण और नारी शक्ति मिशन लागू करने जा रही है।
राष्ट्र को समृद्ध बनाने की शक्ति युवाओं में है। आवश्यक है कि युवा कर्मशील हो, विचारशील हो और अपनी परंपराओं से जुड़ा हुआ हो। इसी अनुरूप युवाओं को शिक्षण और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में तैयार राष्ट्रीय शिक्षा नीति सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू हुई।
मध्यप्रदेश कृषि प्रधान प्रांत है। किसान कल्याण मिशन में कृषि की उपज बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास किये जायेंगे। अगले 5 वर्ष में सिंचाई का रकबा 50 लाख हेक्टेयर से 1 करोड़ हेक्टेयर किया जायेगा। अन्नदाता को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण देने के साथ खाद, बीज से लेकर उपज की बिक्री तक की व्यवस्था की गई है।
परिवार, समाज, राष्ट्र्र और सृष्टि निर्माण के केन्द्र में है नारी
भारतीय दर्शन में नारी के महत्व का उल्लेख है। महिला कल्याण के लिए नारी शक्ति मिशन में महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक सशक्तिकरण किया जायेगा। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है जहां शासकीय सेवाओं में महिलाओं का आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत किया गया है। बहनों के मान-सम्मान और स्वाभिमान के लिये लाड़ली बहना योजना से महिलाओं को और सेनिटेशन एवं हाइजीन योजना से प्रदेश की लाखों बालिकाओं को आर्थिक संबल दिया है।
मप्र सरकार जनमत और जन-भावना का प्रतिबिंब है। हमारा समाज अपनी विरासत को सहेज कर चलता है, इसीलिये समाज द्वारा निर्मित सरकार ने भी समाज के साथ अपने उत्सव आयोजनों को मिलकर मनाने की शुरुआत की है। मेरा प्रयास रहा है कि प्रदेश की जनता का जीवन सहज, सरल और सुगम हो। जनता की सुविधा के लिये साइबर तहसील से घर बैठे नामांतरण, बंटवारा, ई-पंजीयन की ऑनलाइन व्यवस्था की गई।
थानों की सीमाओं के पुनर्निर्धारण से संकट की स्थिति में लोगों को त्वरित राहत मिलेगी। उज्जैन में मेडिसिटी का निर्माण, 51 मेडिकल कॉलेज खोलने की पहल से प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य की गारंटी, इंदौर मनमाड़ रेल लाइन, राष्ट्रीय राजमार्ग सुदृढ़ीकरण और मेट्रोपोलिटन सिटी निर्माण से विकास में गुणात्मक वृद्धि होगी। प्रधानमंत्री जी का संकल्प है, स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक देश को विश्व की सर्वोच्च शक्ति के रूप में स्थापित करना।
मध्यप्रदेश, भारत की इस विकास यात्रा में सहभागी बनने के लिये प्रतिबद्ध है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुना किया जायेगा। प्रदेश की उन्नति और प्रगति के साथ हमारी सरकार का जो संकल्प पत्र था, उस पर तेजी से कार्य हो रहा है। आने वाले 4 वर्ष में हम एक-एक संकल्प को पूर्ण करेंगे। प्रदेश में शुरू हुए जनकल्याण पर्व के अवसर पर प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ जनता से मेरा आग्रह है कि गौरवशाली और वैभवशाली भारत निर्माण के लक्ष्य पूर्ति के लिये आइये, हम साथ चलें और साथ बढ़ें।
डॉ. मोहन यादव
(लेखक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)