फ्रीगंज में फोरलेन ओवरब्रिज को मिली रेलवे की हरी झंडी

By AV NEWS 1

अब अगले हफ्ते टेंडर खुलने का इंतजार, जल्द शुरू होगा काम

230 मीटर कुल लंबाई होगी फ्रीगंज तरफ 130 मीटर और चामुंडा माता मंदिर तरफ 100 मीटर

  • 21.40 मीटर कुल चौड़ाई होगी
  • 9-9 मीटर चौड़े दोनों तरफ रोड होंगे
  • 1.5-1.5 मीटर के फुटपाथ बनेंगे
  • 0.40 मीटर का बीच में डिवाइडर

अक्षरविश्व न्यूजउज्जैन। सिंहस्थ 2028 से पहले फ्रीगंज में नया फोरलेन ओवरब्रिज बनने की राह पूरी तरह साफ हो गई है। रेलवे ने 21.40 मीटर चौड़ा आरओबी (रेलवे ओवर ब्रिज) बनाने की हरी झंडी दे दी है। अब अगले हफ्ते टेंडर खुलते ही किसी कंपनी को ठेका देने का काम तेजी से किया जाएगा। इससे ओवरब्रिज का काम जल्द शुरू हो सकेगा। फ्रीगंज में फोरलेन ओवरब्रिज का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 12 दिसम्बर 2024 को ही कर चुके हैं।

पीडब्ल्यूडी ब्रिज कॉर्पोरेशन ने ओवरब्रिज की जीएडी (जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग) रेलवे को भेजी थी। इसे रेलवे ने मंजूरी दे दी है, जिससे ओवरब्रिज बनाने की तकनीकी राह भी साफ हो गई है। भूमिपूजन से पहले विभाग द्वारा 16.27 करोड़ का टेंडर खोला गया था, जो मंजूर भी हो गया था लेकिन बाद में 71.13 करोड़ रुपए का नया टेंडर जारी किया गया। टेंडर जमा करने की डेडलाइन 12 मार्च है। इसके बाद टेंडर खोला जाएगा। टेंडर को विभाग की मंजूरी के बाद कंपनी के साथ एग्रीमेंट और वर्क ऑर्डर जारी करने की प्रोसेस की जाएगी। इसमें एक या दो माह का समय लग सकता है।

पुराने ओवरब्रिज की स्थिति अब भी साफ नहीं

नया फोरलेन ओवरब्रिज बनने के बाद पुराने समय के बने ओवरब्रिज को तोड़ा जाएगा या इसे भी काम में लिया जाएगा, इसको लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है। नया ओवरब्रिज बनने के बाद ही सरकार इस मामले में कोई फैसला लेगी।

जलप्रदाय लाइन शिफ्ट करने की भी तैयारी…

ओवरब्रिज का निर्माण चामुंडा माता मंदिर के सामने नगर निगम के नगर वन से बनना शुरू होगा और फ्रीगंज तरफ दो ब्रांच बनाई जाएगी। एक ब्रांच मक्सी रोड और दूसरी ग्रांड होटल के सामने टॉवर रोड से जुड़ेगी। नगर वन के आगे बने बिनोद मिल के पुराने क्वार्टर तोड़े जा चुके हैं और मलबा भी साफ किया जा चुका है।

अब पेयजल सप्लाई लाइन सहित यूटिलिटी शिफ्टिंग के काम किए जाना हैं। जलप्रदाय की मुख्य लाइन शिफ्ट करने के लिए पीएचई द्वारा भी तैयारी पूरी कर ली गई है। पीएचई ने जीएसटी सहित 1.65 करोड़ रुपए का टेंडर जारी किया है। यह खुल भी चुका है। इस कारण लाइन शिफ्टिंग का काम भी ओवरब्रिज निर्माण के साथ हो सकेगा।

जगह बदली तो खर्च घटा

ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति तत्कालीन शिवराजसिंह सरकार के समय दी गई थी। तब 91.76 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई थी। बाद में ओवरब्रिज की जगह चामुंडामाता मंदिर चौराहा से महापौर निवास के सामने से इंदिरा गांधी प्रतिमा तक बनाने की योजना थी। बाद में ओवरब्रिज की जगह बदलने का निर्णय हुआ और बिनोद मिल की जमीन का सर्वे कर 71.13 करोड़ रुपए की नई योजना तैयार की गई।

जानिए क्या है जीएडी

जीएडी का मतलब है जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग। हिंदी में इसे सामान्य व्यवस्था चित्र कहते हैं। यह किसी भी ब्रिज निर्माण के लिए एक महत्वपूर्ण तकनीकी दस्तावेज है।इसमें ब्रिज के सभी महत्वपूर्ण घटकों का स्थान, आकार और संबंध दर्शाया जाता है जैसे डेक, बीम, पाइल, फाउंडेशन, और अन्य संरचनात्मक तत्व।

स्वीकृति मिल गई है

फ्रीगंज में नया फोरलेन ओवरब्रिज बनाने के लिए जीएडी को रेलवे से स्वीकृति मिल गई है। टेंडर खुलने के बाद आगे की प्रक्रिया तेजी से की जाएगी।-पीएस पंत, कार्यपालन यंत्री,पीडब्ल्यूडी ब्रिज

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