Ram Navami 2021: भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव आज

आज राम नवमी का पावन पर्व है। इसे मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, भगवान श्रीराम का जन्म त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था। राम नवमी पर्व सनातन परंपरा का बड़ा उत्सव है। इस दिन भगवान राम की उपासना के लिए विशेष तैयारियां की जाती हैं। भक्तों के द्वारा व्रत रखा जाता है। हवन और कन्या पूजन का भी विधान है। आइए जानते हैं राम नवमी व्रत का शुभ मुहूर्त, पूजा नियम और धार्मिक महत्व।
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राम नवमी की पूजा विधि
- स्नान कर स्वच्छ कपड़े धारण करें।
- अब पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
- पूजा में तुलसी पत्ता और कमल का फूल अवश्य होना चाहिए।
- उसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोड्शोपचार करें।
- खीर और फलों को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
- पूजा और आरती गान के बाद प्रसाद बांटें।
रामायण का करें पाठ
राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम की उपासना की जाती है। श्रीराम की मूर्तियों को गंगा जल से स्नान कराया जाता है। उनकी मूर्ति को पालने में झुलाया जाता है। रामायण पाठ का आयोजन होता है। साथ ही भक्त उनके स्मरण में रामरक्षा स्तोत्र का भी पाठ करते हैं। इस दिन राम मंदिर में भगवान श्रीराम के भजन-कीर्तन और शहर में झांकियां निकाली जाती हैं। लोग उनकी आराधना में व्रत-उपवास करते हैं।
राम नवमी का महत्व
हर वर्ष चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को राम नवमी के रूप में मनाई जाती है। त्रेतायुग में चैत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या नरेश राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में हुआ था। उनका जीवन परिचय वाल्मीकी द्वारा रचित रामायण काव्य में मिलता है। भगवान श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। अपने जीवन के माध्यम से भगवान श्रीराम ने उच्च आदर्शों को स्थापित किया है जो आज सबके लिए प्रेरणास्रोत हैं।