नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी में एक बार फिर रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस तरह लगातार सातवीं बार रेपो रेट 6.50 फीसदी पर बनी हुई है। इसका मतलब यह है कि लोन की ईएमआई न तो घटेगी, ना ही बढ़ेगी।कमेटी की 3 दिनी बैठक 3 से 5 अप्रैल तक चली।
यह वित्तीय वर्ष 2024-2025 की पहली बैठक रही। हालांकि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में हुई इस बैठक से लोग रेपो रेट में कटौती की उम्मीद लगाए हुए थे। रेपो रेट में कटौती होने पर लोन की ईएमआई कम हो सकती थी।बता दें, आरबीआई ने लंबे समय से रेपो रेट में कटौती नहीं की है। उम्मीद की जा रही थी कि नए वित्त वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक राहत दे सकता है।
इससे पहले वित्त वर्ष 2024 की अंतिम बैठक में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था। इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया था।