आम आदमी को झटका, घरेलू गैस सिलेंडर हुआ महंगा

By AV NEWS

सोमवार को आम जनता को महंगाई का एक और तगड़ा झटका लगा है। केंद्र सरकार ने घरेलू रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी है। अब 14 किलोग्राम वाला LPG गैस सिलेंडर आपको 50 रुपये महंगा पड़ेगा।केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “एलपीजी के प्रति सिलेंडर की कीमत में 50 रुपये की वृद्धि होगी। 500 से यह 550 (प्रधानमंत्री उज्‍जवला योजना के लाभार्थियों के लिए) हो जाएगी और अन्य के लिए यह 803 रुपये से बढ़कर 853 रुपये हो जाएगी।

प्रदेश के 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 858 रुपए, इंदौर में 881 रुपए, ग्वालियर में 936 रुपए, जबलपुर में 859 रुपए और उज्जैन में 912 रुपए में सिलेंडर मिलेगा। सबसे महंगी गैस भिंड और मुरैना में मिलेगी। मुरैना में 937 और भिंड में 936 रुपए चुकाने होंगे।

यह एक ऐसा कदम है जिसकी हम आगे बढ़ने के साथ समीक्षा करेंगे। हम हर 2-3 सप्ताह में इसकी समीक्षा करते हैं। इसलिए, आपने जो उत्पाद शुल्क में वृद्धि देखी है, उसका बोझ पेट्रोल और डीजल पर उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा। उस उत्पाद शुल्क वृद्धि का उद्देश्य तेल विपणन कंपनियों को 43,000 करोड़ रुपये की भरपाई करना है, जो उन्हें गैस के हिस्से पर हुए नुकसान के रूप में हुआ है…”

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 1 अप्रैल को 19 किलो वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम ₹44.50 तक घटाए थे। दिल्ली में इसकी कीमत ₹41 घटकर ₹1762 हो गईं। पहले ये ₹1803 में मिल रहा था। कोलकाता में यह ₹44.50 घटकर ₹1868.50 में मिल रहा है, पहले इसके दाम ₹1913 थे।

 

ट्रोल और डीजल के भी दाम बढ़े

केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, “आपने वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना देखी होगी जिसमें कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में 2 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है।

मैं पहले ही स्पष्ट कर दूं कि इसका बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला जाएगा। कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत घटकर लगभग 60 डॉलर प्रति बैरल हो गई है, लेकिन कृपया याद रखें कि हमारी तेल विपणन कंपनियां 45 दिनों की अवधि के लिए स्टॉक रखती हैं।

अगर आप जनवरी में वापस जाएं, तो उस समय कच्चे तेल की कीमत 83 डॉलर थी, जो बाद में घटकर 75 डॉलर हो गई।

इसलिए उनके पास जो कच्चे तेल का स्टॉक है, वह औसतन 75 डॉलर प्रति बैरल है…आप उम्मीद कर सकते हैं कि तेल विपणन कंपनियां वैश्विक कीमत के हिसाब से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी करेंगी।

एक विनियमन मुक्त क्षेत्र में, आप उनसे बाजार खुदरा मूल्य को तदनुसार समायोजित करने की उम्मीद कर सकते हैं।”

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