सिंहस्थ-2028 के प्रोजेक्ट अब साहिल के हाथ, पीयूष भार्गव का पत्ता कट गया

नगर निगम में एक माह बाद फैसला, अब आगे बढ़ सकेंगे काम
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। सिंहस्थ के प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम प्रशासन ने आखिरकार इश्कबाज कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव को सौंपे सिंहस्थ प्रोजेक्ट सहायक यंत्री और जोनल अधिकारी साहिल मैदावाला को सौंप दिए हैं। हालांकि भार्गव की संविदा नियुक्ति समाप्त करने के मामले में अभी कोई निर्णय नहीं हो सका है। इस आदेश के बाद निगम में सिंहस्थ के प्रोजेक्ट और सडक़ों के चौड़ीकरण के काम तेजी से आगे बढ़ाए जा सकेंगे।
महिला इंजीनियर के साथ यौन शोषण आरोप में फंसे कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव से एक माह पहले मार्च अंत में नगर निगम प्रशासन ने सभी प्रभार छीन लिए थे, लेकिन भार्गव को सौंपे गए काम किसी और इंजीनियर को सौंपे नहीं जा सके थे। इसको लेकर अनिर्णय की स्थिति बनी हुई थी। इससे सिंहस्थ के प्रोजेक्ट और सडक़ों के चौड़ीकरण के काम प्रभावित हो रहे थे। निगम प्रशासन ने सोमवार को नया आदेश जारी कर सिंहस्थ प्रोजेक्ट का प्रभार जोनल अधिकारी और सहायक यंत्री साहिल मैदावाला को सौंप दिए हैं। इसकी पुष्टि भी अधिकारियों द्वारा कर दी गई है। अपने अधीनस्थ महिला इंजीनियर द्वारा यौन शोषण के आरोप के साथ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के बाद निगम प्रशासन ने यह कदम उठाया है। महिला इंजीनियर ने राष्ट्रीय महिला आयोग को भी इसकी शिकायत दर्ज कराई है। नगर निगम में भार्गव को रिटायरमेंट के बाद संविदा पर पदस्थ किया गया है।
संविदा नियुक्ति क्यों नहीं की जा रही निरस्त…?
यौन शोषण के मामले में घिरे कार्यपालन यंत्री भार्गव की संविदा नियुक्ति अब तक निरस्त नहीं की जा सकी है और न ही इस मामले में कोई प्रक्रिया शुरू की जा सकी है। जानकारों की मानें तो इस मामले में कई पेच फंस गए हैं। एमआईसी को इस मामले में फैसला करना है, लेकिन एमआईसी भी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं कर सकी है। मामला सामने आने के बाद एमआईसी ने पहले इसे एजेंडे में शामिल किया और बाद में एजेंडा हटा दिया। तब से यह मामला अधर में पड़ा हुआ है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि जिस रिटायर्ड अधिकारी के पास कोई काम ही नहीं, उसकी संविदा अवधि खत्म करने में निगम प्रशासन कोई रुचि क्यों नहीं ले रहा जबकि उस पर मातहत महिला इंजीनियर को घर बुलाने की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हो चुकी हैं।
केस रिक्लिक
16 मार्च: होली के बाद पीयूष भार्गव की ऑडियो रिकॉर्डिंग वायरल हुई थी। जिसमें एक महिला इंजीनियर के साथ इश्क का दबाव बनाने का मामला सामने आया था।
18 मार्च: महिला इंजीनियर ने पुलिस प्रकरण दर्ज कराया।
22 मार्च: नगर निगम प्रशासन ने भार्गव को सभी प्रभार से मुक्त किया।
आदेश जारी हुआ है
यह सही है कि सिंहस्थ के प्रोजेक्ट और कार्य साहिल मैदावाला को देने का आदेश जारी हुआ है।
संतोष गुप्ता, अधीक्षण
यंत्री नगर निगम