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फायर एक्ट लाने की कवायद के बीच 400 करोड़ के सेफ्टी प्लान को राज्य की मंजूरी, केंद्र का इंतजार

मिलेगी बड़ी राहत… प्रदेश के 5 महानगरों में क्रैश फायर टेंडर से आग बुझा सकेंगे

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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। आग की घटनाओं में राहत व बचाव कार्य करने के मकसद से बनाए गए 400 करोड़ के फायर सेफ्टी प्लान को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। जल्द ही मप्र में लागू होने जा रहे फायर एक्ट की कवायद के बीच आगजनी की घटनाओं को काबू करने में फायर सेफ्टी प्लान से बड़ी राहत मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय से मिले निर्देश के बाद तैयार हुए प्लान का प्रपोजल नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने केंद्र सरकार को भेजा है। केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद मप्र में 45 नए फायर स्टेशन बनाएंगे। इसके अलावा पांच बड़े महानगरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन में एयरपोर्ट और हवाई पट्टी के लिए क्रैश फायर टेंडर की भी खरीदी की जाएगी।

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75 फीसदी राशि केंद्र सरकार देगी…

विभाग ने 15वें वित्त आयोग के तहत कुल 397.54 करोड़ रुपए का प्रपोजल बनाया है। इसमें 75 फीसदी यानी करीब 298.15 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी। बाकी 25 फीसदी यानी 99.39 करोड़ रुपए हिस्सा मप्र सरकार को खुद वहन करना होगा। बीती 20 अक्टूबर को मुख्य सचिव, पीएस फायनेंस, पीएस होम समेत अन्य अफसरों की मौजूदगी में मप्र के फायर सेफ्टी प्लान को मंजूरी दी गई थी। राज्य कार्यपालिक समिति के अनुमोदन के बाद विभाग ने ये प्रपोजल केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।

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सवा साल से अटका था 200 करोड़ का प्लान: इस प्लान को बनाने की कवायद करीब सवा साल से चल रही थी। मई 2023 में विभाग के अफसरों ने करीब 200 करोड़ के प्लान को राज्य कार्यपालिक समिति के सामने भी रखा था। तब इसे अलग-अलग तर्कों के बाद रोक दिया गया था। तर्क थे कि इस प्लान का संचालन कैसे करेंगे? छोटे परिषद या निकायों में ऐसे वाहन चलाने वाले फायर मैन हैं या नहीं? इस तरह के बिंदुओं के साथ नए सिरे से प्लान बनाने के निर्देश दिए गए थे।

120 करोड़ रुपए से बनेंगे फायर स्टेशन
अपर आयुक्त संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास ने बताया कि प्लान के तहत प्रदेश में 45 नए फायर स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके हर भवन पर करीब 1.30 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके अलावा हर फायर स्टेशन में एक-एक फायर ब्रिगेड भी ली जाएंगी। इसमें 120 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

100 फायर टेंडर खरीदी जाएंगी
प्रदेश के सभी निकायों के लिए 100 फायर टेंडर भी खरीदी जाएंगी। हर फायर टेंडर नई तकनीक की होंगी, जिनमें पानी और फोम के अलग-अलग टैंक होंगे। इससे सहूलियत ये होगी कि जरूरत पडऩे पर एक ही फायर टेंडर से बिजली की आग या अन्य तरह की आग को भी बुझा सकेंगे।

पांच क्रैश फायर टेंडर लेंगे
भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन महानगरों के लिए पहली बार 5 क्रैश फायर टेंडर भी खरीदे जाएंगे। इस पर विभाग करीब 30 करोड़ रुपए खर्च करेगा। अब तक केवल क्रैश फायर टेंडर एयरपोर्ट पर ही हैं। इनका इस्तेमाल विमान हादसों के समय होता है। इसके अलावा रीवा, उज्जैन और इंदौर के लिए 70-70 मीटर ऊंचाई की हाइड्रोलिक प्लेटफॉर्म भी खरीदने की प्लानिंग की गई है।

ये सुविधाएं

अग्निशमन अधिकारी-कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएंगी। ताकि जरूरत पडऩे पर उपकरणों का सही इस्तेमाल हो सके।

 हादसे के समय रियल टाइम कंट्रोल के लिए जीपीएस और जीआईएस आधारित आधुनिक सिस्टम तैयार करने की भी प्लानिंग की गई है।

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