शासकीय चरक अस्पताल में रैबीज के इंजेक्शन का स्टॉक खत्म

मरीज मेडिकल से 400-500 रुपए में खरीदकर लगवा रहे
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अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। कुत्तों के काटने पर घायल को रैबीज के इंजेक्शन लगवाना जरूरी होता है। चरक अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 20-25 मरीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचते हैं, लेकिन पिछले 4 दिनों से अस्पताल में इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो गया है। स्थिति यह है कि घायलों के परिजन को मेडिकल से महंगे दामों में उक्त इंजेक्शन खरीदकर लगवाना पड़ रहे हैं।
शासन द्वारा प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में रैबीज के इंजेक्शन सहित अन्य दवाओं की मांग अनुसार आपूर्ति की जाती है। इनको सीएमएचओ स्टोर व सिविल सर्जन स्टोर में रखा जाता है। सीएमएचओ कार्यालय से दवाओं का वितरण जिला स्तर पर होता है जबकि सीएस स्टोर से जिला अस्पताल में आपूर्ति होती है। वर्तमान में सीएस स्टोर में रैबीज के इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। यह स्थिति अभी की नहीं बल्कि 2-3 माह से बनी हुई है। सीएस स्टोर प्रभारी योगेश राय प्रजापति ने बताया कि दवाओं की खरीदी स्वास्थ्य विभाग भोपाल से होती है और वहीं से प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति की जाती है। जिला चिकित्सालय में रैबीज के इंजेक्शन खत्म होने के बाद 4 बार पत्र लिख चुके हैं दो दिन पहले भी डिमांड का पत्र लिखा था। हालांकि 7 दिन में आपूर्ति का आश्वासन मिला है।
केस बढ़ रहे, इसलिए कम पड़ रहा स्टॉक
कुत्ते के काटने पर घायल को पहले डोज के बाद 7 दिनों के अंतराल में कम से कम 3 बार रैबीज के इंजेक्शन लगवाना होते हैं। चरक अस्पताल में स्ट्रीट डॉग के काटने से घायल होकर पहला डोज लगवाने औसतन 20-25 मरीज प्रतिदिन आते हैं। इनके अलावा दूसरा और तीसरा डोज लगवाने वालों की संख्या भी इतनी ही होती है। पिछले कुछ वर्षों में स्टीट डॉग के काटने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। जिसका सीधा असर इंजेक्शन की मांग और आपूर्ति पर पड़ा है।
नगर निगम कंट्रोल नहीं करता, जिला अस्पताल में इंजेक्शन नहीं मिलता
शहर में आवारा कुत्तों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। स्ट्रीट डॉग के काटने से हर उम्र वर्ग के लोग घायल हो रहे हैं। स्ट्रीट डॉग की संख्या कंट्रोल करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन अफसर कोई ध्यान नहीं देते वहीं दूसरी ओर स्ट्रीट डॉग के काटने से घायल हुए लोग सरकारी अस्पताल जाते हैं तो वहां इंजेक्शन नहीं मिलता। रमेश निवासी पीपलीनाका ने बताया कि उन्हें 5 दिन पहले स्ट्रीट डॉग ने काटा था। पहला डोज मेडिकल से इंजेक्शन खरीदकर लगवाया। दूसरे डोज के लिए आए तो फिर से इंजेक्शन खरीदकर लाने का कह रहे हैं। मनीष मेहता निवासी इंदौरगेट ने बताया कि रात में घर लौटते समय स्ट्रीट डॉग ने काटा था। सुबह चरक अस्पताल में रैबीज का इंजेक्शन लगवाने आया। यहां मेडम ने कहा कि इंजेक्शन नहीं हैं बाजार से खरीदकर लाओ। मेडिकल पर 400 रुपए देकर इंजेक्शन खरीदा है।
सीएमएचओ स्टोर से मांगकर चलाया काम
सीएस स्टोर विभाग में रैबीज के इंजेक्शन खत्म होने पर सीएमएचओ स्टोर विभाग से रैबीज के इंजेक्शन लेकर काम चलाया गया लेकिन एक सीमा के बाद वहां से भी मांगना बंद कर दिया। जिले के दूसरे सरकारी अस्पतालों से भी इंजेक्शन लेकर काम चलाया, अब स्थिति यह है कि सीएस के स्टोर विभाग में रैबीज इंजेक्शन का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गया है।
इनका कहना
रैबीज के इंजेक्शन की भोपाल स्तर पर डिमांड के अनुसार आपूर्ति नहीं हो रही है। दूसरे सरकारी अस्पताल से अरेंज कर रहे हैं। बाजार से खरीदकर लाने जैसी कोई बात नहीं है।
डॉ. चिन्मय चिंचौलीकर
आरएमओ चरक अस्पताल