धन के लालच में निकाला गया था क्रब्र से शव

गांव के ही शागिर्द ने तांत्रिक को बुलावा कर घटना को अंजाम दिया, सीसीटीवी फुटेज से धराए

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अक्षरविश्व न्यूज:खाचरौद। आज के शिक्षित युग में भी धन के लालच और अंधविश्वास में भोले भाले लोग फंस जाते हैं और फिर किसी भी हद तक गुजर जाते हंै जो आप हम सोच भी नहीं सकते।

तांत्रिकों की लालच भरी बातों में आकर गड़े धन निकालने में रातों रात लखपति बनने की ख्वाहिश में अपनों की भी बलि चढ़ा दी जाती या श्मशान या कब्रिस्तान में गड़े मुर्दे निकाल कर तांत्रिक क्रिया की आड़ में धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हैं। बाहरी तांत्रिक लोग रुपयों का लालच देकर भोली भाली जनता के साथ खेलते हैं।


ऐसी ही सनसनीखेज घटना खाचरौद थाना की चांपाखेड़ा पुलिस चौकी के गांव डोडिया में हुई। गांव का ही कचरु पिता मांगीलाल चंद्रवंशी ने शिवरात्रि के एक दिन पहले मंगलवार के दिन अपने घर कुछ तांत्रिकों बुलाया। कचरु के घर का पता पूछते हुए ग्रामीण ने देखा था। उसी रात को कब्रिस्तान में गड़े हुए शव निकालने की घटना को अंजाम दिया।

धन के लालच में तांत्रिकों का सहारा शिवरात्रि की रात्रि को लिया गया। सुबह ग्रामीणजन को कब्रस्तान की और कब्रों पर गड्ढे खुदे दिखाई देने पर पता चला। कब्र के परिजनो के साथ ही पुलिस को सूचना दी। मामले की संगीनता को देखते हुए टीआई धनसिंह मौके पर पहुंचे। अपने खुफिया तंत्र से जानकारी एकत्र किया। गांव में मस्जिद पर लगे सीटीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को चिन्हित कर गिरफ्तार करने में सफलता मिली है।

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जिनसे प्राथमिक पूछताछ में जानकारी मिली कि कब्रस्तान की कब्र से शव निकाला था जिसे बाद में कचरु के ही कुएं में बाद में अवशेष को डाल दिया था। इनसे जुड़े ओर भी लोगों की तलाश जारी है। इसमें डोडिया से एक और दो बाहरी शामिल हंै। पुलिस ने मानव अवशेष कंकाल के साथ छेड़छाड़ सहित अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।


पुलिस एफआईआर के अनुसार गांव के जफर शाह पिता गनी शाह निवासी डोडिया की मृत्यु दो वर्ष पूर्व हो जाने से उनके शव को समाज की रीति के अनुसार हमारे गांव डोडिया के कब्रस्तान में समाज व परिवार के लोगो के साथ जाकर एक निश्चित स्थान पर दफनाया गया था। कब्रस्तान के चारो बाउंड्री बनी होकर गेट लगा रहता है।

हमारे धर्म में किसी व्यक्ति का इंतकाल होने पर दफनाने के बाद उनके परिजन सवा महीने तक प्रतिदिन उनकी कब्र पर जाने का रिवाज है। 26 फरवरी की सुबह 7 बजे मुझे गांव के सादिक पिता सिकंदर नायता निवासी डोडिया ने बताया कि पिता की कब्र पर फूल चढ़ाने गया तब मैं कब्रस्तान में घूम रहा था तभी मेरी नजर तुम्हारे पिता जफर शाह की कब्र पर पड़ी तो वह खुदी हुई दिखी। उस दिन मैं मेरे गांव के लोगों के साथ जाकर देखा तो मेरे पिता जफर शाह की कब्र छिन्न भिन्न होकर खुदी हुई दिखी उसमें मेरे पिता के शव के अवशेष नहीं थे।

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