विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का CM डॉ. यादव ने किया लोकार्पण

शौर्य स्मारक से मुख्यमंत्री निवास तक निकली रैली
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भोपाल। मुख्यमंत्री निवास के नवनिर्मित प्रवेश द्वार पर स्थापित की गई विक्रमादित्य वैदिक घड़ी का सोमवार को सीएम डॉ. मोहन यादव ने अनावरण किया। इस मौके पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल, मंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा और विष्णु खत्री मौजूद रहे।
कार्यक्रम में भोपाल सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि आज से भारत के समय की नई परिभाषा लिखी जा रही है। उन्होंने कहा- जब हम मां की कोख में आते हैं तो ईश्वर प्रारब्ध पहले ही लिख देता है। मुख्यमंत्री जी ने वैदिक घड़ी लगवाकर वास्तव में भारत के समय की पुर्नस्थापना का ऐतिहासिक कदम उठाया है। हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म हिंदू संस्कृति में हुआ है। यह घड़ी हमें काल गणना की वैदिक परंपरा से जोड़ेगी और भारत को सोने की चिडिय़ा बनने की दिशा में आगे बढ़ाएगी।
मंत्री कृष्णा गौर ने कहा- आज हमारा मुख्यमंत्री निवास विरासत और विकास का साक्षी बन रहा है। इस घड़ी के माध्यम से हमें अपना स्वाभिमान लौटा है। मैं युवाओं से कहना चाहती हूं कि भविष्य आपके कंधों पर टिका है। मध्यप्रदेश के युवा दुनियाभर में नाम रोशन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का संबल आपके साथ है और मुझे विश्वास है कि आप आगे बढक़र प्रदेश और देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
सीएम ने किया संवाद
शौर्य स्मारक पर कॉलेज, विश्वविद्यालय के युवा, छात्र-छात्राएं एकत्रित हुए थे। शौर्य स्मारक से रवींद्र भवन तक बाइक रैली निकाली गई। रवींद्र भवन में गाडिय़ां पार्क कर रैली में शामिल युवा पैदल मार्च करते हुए मुख्यमंत्री निवास के द्वार तक पहुंचे। इस मौके पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी: भारत के समय की पुर्नस्थापना की पहल विषय पर युवा संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया, जिसमें मुख्यमंत्री ने युवाओं से संवाद किया।
वैदिक घड़ी में 24 घंटे की जगह 30 मुहूर्त
घड़ी का एप बनाने वाले आरोह श्रीवास्तव के अनुसार वैदिक घड़ी एप में 1 दिन में 30 मुहूर्त हैं। हर मुहूर्त में 30 कला और हर कला में 30 काष्ठा हैं। सूर्य के सामने जिस हिसाब से पृथ्वी घूम रही है, उसका आंकलन कर यह घड़ी सटीक समय बताएगी। जब हमारी घड़ी में 0 बजता है तो उस समय सूर्योदय हो रहा होता है। इसमें चंद्रमा की स्थिति उसकी दिशा, चांद किस नक्षत्र में है और सूर्य की स्थिति क्या है।यह सारी जानकारी इस घड़ी से प्राप्त होती है।
एप में अलार्म की भी सुविधा
संस्कृति सलाहकार तिवारी ने विक्रमादित्य वैदिक घड़ी एप की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि इसमें 3179 विक्रम पूर्व (श्रीकृष्ण के जन्म), महाभारतकाल से लेकर 7 हजार से अधिक वर्षों के पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत और त्यौहार आदि की दुर्लभ जानकारियों को समाहित किया गया है। धार्मिक कार्यों, व्रत और साधना के लिए 30 अलग-अलग मुहूर्तों की जानकारी और अलार्म की सुविधा भी है।