Advertisement

अनूठा सरकारी दफ्तर… बांसुरी की धुन के साथ काम

प्रदेश का पहला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय जहां सुंदर परिसर के साथ संगीत का प्रयोग

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

Advertisement

सुधीर नागर:उज्जैन। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में एक सरकारी दफ्तर ऐसा भी है, जहां बांसुरी की धुन के साथ काम होता है। ये है जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) कार्यालय, जहां यह नया प्रयोग किया गया है। इतना ही नहीं, ऑफिस सहित पूरे कैम्पस की सूरत भी बदल गई है। प्रदेश का संभवत: पहला यह डीईओ ऑफिस है जहां यह नया प्रयोग किया जा रहा।

जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर में अब आप प्रवेश करेंगे तो बांसुरी की मीठी धुन आपको सुकून देगी। कार्यालय समय में पूरे समय यह धुन बजती रहती है। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा बताते हैं संगीत हमारे तनाव को दूर कर देता है, इसलिए यह प्रयोग शुरू किया गया है। कैंपस में आते ही आपको स्वच्छता के साथ सुंदर परिसर दिखाई देगा। रोज सुबह दफ्तर खुलते ही यह बांसुरी की धुन शुरू कर दी जाती है और शाम को दफ्तर बंद होने के साथ ही बंद होती है। बीआरसी संजय शर्मा ने बताया इस प्रयोग से काम में भी सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहे हैं।

Advertisement

अफसर, प्राचार्य और शिक्षक मिलकर उठा रहे खर्चा…

खास बात यह है कि इसके लिए विभाग के सभी अधिकारी और प्राचार्य व शिक्षक मिलकर इस सुंदरता पर होने वाला खर्चा उठा रहे। कैंपस की खूबसूरती को देखकर सभी कर्मचारी भी उत्साह से आगे आ रहे। अन्य सभी कक्षों में भी सुंदर रंग रोगन कराया जा रहा। रिकॉर्ड को व्यवस्थित किया जा रहा।

Advertisement

स्टैंड पर हर योजना की जानकारी

मुख्य दफ्तर में प्रवेश करने से पहले ही साइकिल स्टैंड के बाहर शिक्षा विभाग की प्रमुख योजनाओं की जानकारी के बोर्ड लगाए गए हैं। स्टैंड के अंदर भी इसी तरह के बोर्ड हैं। बड़े वाहन स्टैंड के लिए भी शेड और बड़े बंगले जैसा कैम्पस बनाया गया है।

प्रवेश द्वार पर कैम्पस का नक्शा

जीडीसी रोड से डीईओ दफ्तर में प्रवेश करते ही आपको बदलाव दिखाई देगा। मुख्य द्वार पर गार्ड रूम है तो दूसरी तरफ पूरे कैम्पस का नक्शा, जिसमें आप यह भी देख सकते हैं कि दफ्तर में कहां कैसे जाना है और कितने कक्ष हैं। मार्ग में दोनों ओर पौधारोपण भी किया गया है। ऐसा कैम्पस अक्सर किसी मंत्रालय या बड़े दफ्तर का रहता है, जहां मेन गेट पर ही गार्ड भी हो। दफ्तर की सूरत भी बदली जा रही। हल्के पिस्ता कलर के एक जैसे दरवाजे दफ्तर की रौनक बढ़ा रहे।

Related Articles