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उज्जैन से महाकाल मीन टाइम स्थापित करने की तैयारी

पीएम से मिलने के बाद एक्शन मोड़ में सीएम डॉ. यादव, आज तारामंडल का करेंगे दौरा

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सुधीर नागर उज्जैन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव उज्जैन से महाकाल मीन टाइम स्थापित करने की तैयारी में जुट गए हैं। आज शनिवार को वे एक बार फिर उज्जैन आ रहे हैं। इस दौरान शहर के तारामंडल का निरीक्षण कर इसकी बुनियाद डालेंगे।

सीएम डॉ. यादव ने विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के जवाब में कहा था कि समय निर्धारण के लिए ग्लोबल रेफरेंस के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली प्राइम मेरिडियन को इंग्लैंड के ग्रीनविच से उज्जैन लाने के लिए सरकार काम करेगी।सरकार यह सिद्ध करेगी कि उज्जैन ही प्राइम मेरिडियन है और दुनिया के समय को सही करने पर जोर दिया जाएगा। सीएम ने शुक्रवार को दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। शनिवार को तारामंडल निरीक्षण को इसी योजना से जोड़कर देखा जा रहा है।

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तारामंडल को डोंगला वेधशाला से जोडऩे की योजना है। डोंगला वेधशाला में भी तारमंडल बनकर तैयार हो रहा है। दोनों तारामंडल और जीवाजी वेधशाला को जोड़कर महाकाल मीन टाइम की योजना को आगे बढ़ाया जा सकता है। भारतीय मानक समय को अपनाकर रात को समय बदलने की परंपरा को खत्म करने की कवायद शासन स्तर पर शुरू हो चुकी है।

महाकाल मीन टाइम की कवायद

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डोंगला वेधशाला के प्रकल्प अधिकारी घनश्याम रत्नानी ने बताया महाकाल मीन टाइम की स्थापना ही हमारा लक्ष्य है। उज्जैन पुराने समय में कालगणना का केंद्र रहा है। यहां से गुजरने वाली शून्य रेखा को पुन: मानकर सूर्योदय के आधार पर तिथि आदि की गणना की जा सकती है। फ्रांस, जर्मन आदि इसके लिए तैयार हैं। अमेरिका और चीन को छोड़कर अन्य देशों से स्वीकृति भी मिल चुकी है। डोंगला वेधशाला में 25 लाख रुपयों की लागत से तारामंडल बन रहा है। इसमें दो घंटे तक कालगणना के बारे में बताया जाएगा और आकाश में तारामंडल का मिलान किया जाएगा। 15 लाख रुपयों के खगोलीय यंत्र लाने की भी तैयारी हो चुकी है। पुराने समय में प्रबलता के आधार पर ग्रीनविच को चुन लिया गया था। अब अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास करना होंगे।

खगोलशास्त्रियों के अनुसार उज्जैन की भौगोलिक स्थिति विशिष्ट है। यह नगरी पृथ्वी और आकाश की सापेक्षता में ठीक मध्य में स्थित है इसलिए इसे पूर्व से ‘ग्रीनविच’ के रूप में भी जाना जाता है।19वीं शताब्दी में भारतीय शहरों में विक्रमादित्य के समय से चले आ रहे स्थानीय समय को सूर्य के मुताबिक तय किया जाता था लेकिन ब्रिटिश काल में भारत में सबकुछ बदल गया। खगोलविद पंडित भरत तिवारी कहते हैं अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस को स्टैंडर्ड टाइम बदलने का अधिकार है। सूर्योदय के आधार पर होने वाली गणना ही सही होती है।

सीएम विकास कार्यों की लेंगे बैठक, देश का सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने की तैयारी

सीएम डॉ. यादव शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे शहर आएंगे। वे प्रशासनिक संकुल हॉल में विकास कार्यों की बैठक लेंगे और महानंदनगर स्थित तारामंडल का निरीक्षण करने भी जाएंगे। सूत्रों के अनुसार चिंतामन गणेश मंदिर होते हुए बडऩगर और देपालपुर रोड को बेहतर बनाने की योजना पर भी चर्चा संभावित है। त्रिवेणी से होते हुए इंदौर रोड को विकसित करने पर भी चर्चा हो सकती है।

देवास रोड स्थित विक्रम उद्योगपुरी भी जाने की संभावना है जहां मेडिकल डिवाइस पार्क का भूमिपूजन की तैयारी की जाएगी। उज्जैन में देश के सबसे बड़े मेडिकल डिवाइस पार्क बनाने को स्वीकृति सरकार द्वारा पहले ही दी चुकी है। यह देश का सबसे बड़ा डिवाइस पार्क होगा। 360 एकड़ में उज्जैन और देवास के बीच बनेगा। यहां पर 40 हजार करोड़ का निवेश आने की संभावना है। सीएम यादव हस्तशिल्प मेले का उद्घाटन करने के साथ ही कालिदास अकादमी भवन में चल रहे कार्यों का निरीक्षण और समीक्षा भी कर सकते है।

सभी वेधशालाओं को जोड़ा जाए

उज्जैन समय गणना का बड़ा केंद्र रहा है। जीवाजी वेधशाला की स्थापना भी इसी उद्देश्य से की गई थी। यहां समय गणना के अनेक प्राचीन यंत्र हैं। देश की सभी वेधशालाओं को जोड़कर काम किया जाएगा तो बेहतर परिणाम मिल सकते हैं।
आरपी गुप्त, अधीक्षक जीवाजी वेधशाला

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