पट्टाचार्य महोत्सव में हुआ संतों का महामिलन:महावीर बाग से निकला मंगल प्रवेश जुलूस

By AV NEWS

इंदौर के गांधी नगर स्थित श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट में 6 दिवसीय पट्टाचार्य महोत्सव आज से 2 मई तक आयोजित किया जा रहा है। रविवार को 388 से अधिक संतों का मंगल प्रवेश जुलूस महावीर बाग से सुमति धाम तक निकला।जुलूस में बड़ी संख्या में समाजजन के साथ ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, महापौर पुष्यमित्र भार्गव शामिल हुए। मंगल प्रवेश जहां-जहां से गुजरा वहां जय-जय गुरुदेव का जयघोष समाजजनों ने किया। इस मंगल प्रवेश जुलूस में समग्र दिगंबर जैन समाज, गुरु भक्त परिवार व किन्नर समाज ने दिगंबर जैन परंपरा के 388 संतों व आर्यिका की अगवानी की।

श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति एवं गुरू भक्त परिवार ने बताया कि सुमति धाम पर पट्टाचार्य महोत्सव विधानाचार्य धर्मचंद्र शास्त्री, नितिन झांझरी आदि के निर्देशन में संपन्न होगाआचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के पट्टाचार्य महोत्सव में पहली बार ऐसा मौका था जिसमें 388 संतों का महामिलन भी हुआ। संतों के इस महामिलन का साक्षी समग्र दिगंबर जैन समाज सहित गुरु भक्त परिवार बना। गुरु भक्तों ने आचार्यश्री की अगवानी की एवं इस दौरान पूरे मार्ग में गुरुदेव के जयकारे भी गूंजते रहे। मंगल प्रवेश जुलूस में 12 आचार्य, 8 उपाध्याय, 140 दिगंबर मुनि, 9 गणिनी आर्यिका, 123 आर्यिका माता जी, 105 ऐलक, क्षुल्लक, क्षुल्लिका एक साथ मौजूद थे।

मंगल प्रवेश जुलूस में दिखा अनूठा नजारा

श्री सुमतिनाथ दिगंबर जिनालय गोधा एस्टेट, पट्टाचार्य महोत्सव समिति, गुरू भक्त परिवार एवं मनीष-सपना गोधा ने बताया कि महावीर बाग से मंगल जुलूस की शुरुआत की गई। शोभायात्रा के दौरान समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं के साथ ही अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने भी संतों की अगवानी मंच से की। पश्चिमी क्षेत्र में निकले इस प्रवेश जुलूस समग्र दिगंबर जैन समाज बंधुओं का जन सैलाब उमड़ा। जुलूस के दौरान भक्त अपने गुरू की एक झलक पाने के लिए आतुर दिखे।जुलूस के अग्र भाग में 12 अश्व, 4 ऊंट, 2 हाथी, 16 बग्घि, 5 विंटेज कार, बैंड-बाजे, कलश धारी महिलाएं, अष्ट मंगल के साथ ही नासिक के ढोल अपनी प्रस्तुति देते हुए नजर आए। महावीर बाग से सुमति धाम 7 किलोमीटर के इस मार्ग में 50 से अधिक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा मंच लगाकर आचार्यश्री, उपाध्याय गणधर , प्रवर्तक, मुनि, आर्यिका गणिनी, ऐलक, क्षुल्लक महाराज की अगवानी गुरू भक्त परिवारों ने की।

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