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बदला नजारा जिला चिकित्सालय का, बेड पर चादर और ओढऩे को मिले कंबल

मरीज और परिजन बोले… धन्यवाद

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एक बार फिर सिर्फ अक्षरविश्व ने निभाई जनहित के मुद्दों को लेकर अपनी जिम्मेदारी

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:जिला चिकित्सालय में मरीजों को बिस्तर भी घर से लाना पड़ रहे थे। गंदगी से लोग परेशान थे। बुधवार को भोपाल व इंदौर से साइनेज सिस्टम के लिये मीटिंग करने आए मेडिकल अफसरों को इस समस्या से अक्षरविश्व ने प्रमुखता से अवगत कराया।

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इसके बाद गुरुवार को जिला चिकित्सालय का नजारा बदला-बदला सा नजर आया। अस्पताल बिल्डिंग में दीवारों पर चूने से पुताई की जा रही थी। मरीजों की आधी समस्या हल होती दिखने की खुशी परिजनों में थी। मरीज और उनके परिजन बोले- अक्षरविश्व का धन्यवाद, जिसकी वजह से हमें सुविधाएं मिलने लगी।

इन समस्याओं को लगातार हमने उठाया था प्रमुखता से

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मंगलवार को चरक अस्पताल में भोपाल से साइनेज सिस्टम सेंटराइज करने की बैठक में शामिल होने के लिये भोपाल से डॉ. विवेक मिश्रा पहुंचे थे। यहां पर सिविल सर्जन डॉ. पी.एन. वर्मा, क्वालिटी मैनेजमेंट की डॉ. पलसानिया सहित अन्य स्टाफ भी मौजूद था। इसी समय अक्षर विश्व की टीम ने उक्त अफसरों को चरक अस्पताल, जिला चिकित्सालय में मरीजों की समस्या और मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं के बंद होने की जानकारी दी थी।

जिसमें निम्न समस्याएं प्रमुख थीं-

1 लंबे समय से मरीजों को बेडशिट और कम्बल उपलब्ध नहीं कराये जा रहे। जिन मरीजों के पास कम्बल हैं वह फटे हैं।

2 गद्दे टूटे और फटे हैं जिन पर मरीजों का लेटना मुश्किल होता है।

3 शौचालयों के दरवाजे टूटे हैं, कुंडियां भी नहीं लगतीं। गंदगी के कारण उपयोग मुश्किल होता है।

4 एम्बुलेंस चालकों द्वारा मरीजों को सरकारी अस्पताल न लाते हुए प्रायवेट अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।

5 स्टाफ समय पर नहीं आता जिस कारण मरीज और उनके परिजन परेशान होते हैं।

6 परिसर और वार्ड सहित आने जाने के रास्ते पर लोग गुटखा, पाउच आदि थूककर गंदगी करते हैं।

7 मरीजों के साथ उनके परिजनों को भी अन्य सुविधाएं नहीं मिलती हैं।

यह नजारा हमेशा कायम रहे तो अच्छा

जिला चिकित्सालय के वार्डों में भर्ती मरीजों को पलंग पर बिछाने के लिये साफ चादर दी गई थीं।

कम्बल भी साफ और बिना कटे फटे उपलब्ध कराये गये।

शौचालय सहित परिसर में लगातार सफाई कार्य चल रहा था।

स्ट्रेचर पर भी सफेद चादर बिछाया गया था।

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