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सर्द हवा ने ठिठुराया… दिन और रात के तापमान में गिरावट

तीन दिन में अधिकतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस कम

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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:बादलों की लगातार मौजूदगी और कोहरे के बीच बर्फीली सर्द हवा ने सभी को ठिठुरा दिया है। दिन के साथ रात के तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। शहर का मौसम शनिवार को हुई बरसात के बाद से लगातार बिगड़ा हुआ है। इस दौरान तापमान में अधिक गिरावट नहीं आई,लेकिन ठंड का एहसास सतत बना हुआ है। मंगलवार को ठंडक और भी बढ़ गई।

बर्फीली सर्द हवा ने पूरे शहर को कंपकंपा दिया है। मौसम में घुली कड़ाके की ठंडक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तीन दिनों के भीतर दिन में तापमान 9 डिग्री सेल्सियस कम हो चुका है। मंगलवार को पूरे दिन बर्फीली हवा चलती रही और इस सीजन में अधिकतम तापमान अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया। दिनभर बर्फीली सर्द हवा चलती रही। बीते 24 घंटों के भीतर दिन के तापमान में 3.3 डिग्री सेल्सियस की कमी आने से सर्दी का असर और अधिक बढ़ गया। मंगलवार को दिन का अधिकतम तापमान 20.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो कि सामान्य औसत तापमान से 8.9 डिग्री सेल्सियस कम है।

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दो-तीन ऐसा ही रहेगा मौसम

बुधवार सुबह से ही धूप नहीं निकली। बर्फीली सर्द हवा चलती रही। कड़ाके की कंपकंपा देने वाली सर्दी की वजह से लोग जूझते रहे। शहर में सुबह कोहरा छाया रहा। वहीं रात के तापमान में भी एक डिग्री सेल्सियस की कमी आई। इससे रात में भी ठंडक बढ़ गई। मंगलवार- बुधवार की दरमियानी रात को न्यूनतम तापमान १७ डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञान केंद्र, भोपाल के अनुसार वेस्टर्न डिस्टरबेंस और बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवाती तूफान मिचोंग के असर से मौसम में यह बदलाव आया है। आने वाले दो-तीन दिनों तक इसी तरह की स्थिति बनी रहने की संभावना है। इसके बाद 8 दिसंबर से बादल छंटने और मौसम साफ होने के आसार हैं।

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रामघाट पर श्रद्धालुओं के लिये गर्म जलसेवा प्रारंभ

उज्जैन। शिप्रा नदी स्थित राणोजी की छत्री के पास आज से यहां स्नान के लिये पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये गर्म जलसेवा शुरू की गई है। यह कार्य घाट के पंडों और व्यापारियों द्वारा वर्षों से संयुक्त रूप से संचालित की जा रही है।
पं. आनंद गुरू लोटा वाला पंडा, पं. राजेश गुरू मोरवाला पंडा, पं. मोहन गुरू डंडावाला पंडा और व्यापारी रवि सेन ने संयुक्त रूप से बताया कि कड़ाके की सर्दी में श्रद्धालु नदी में स्नान के लिये पहुंचते हैं ऐसे में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु गर्म जल सेवा शुरू की गई है।

यह कार्य राणोजी की छत्री के पास प्रतिवर्ष ठंड के मौसम में शुरू किया जाता है। ताकि देश भर से नदी में स्नान करने आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिये घाट पर लकड़ी का चूल्हा बनाकर बड़ा तपेला रखा गया है। श्रद्धालु तपेले से जरूरत के मुताबिक गर्म जल लेकर बाल्टी से उस तपेले में ठंडा जल डाल देते हैं जो लगातार गर्म होता रहता है।

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