उज्जैन: प्राचीन नगरी अवंतिका उज्जैनी हमेशा से काल गणना का केंद्र रही है, धार्मिक नगरी के साथ विज्ञान की नगरी भी प्राचिन काल से इसे कहा जाता आ रहा है, यहां प्रत्येक वर्ष 2 से 3 बार अलग अलग प्रकार की खगोलीय घटना को अलग अलग यंत्रों के माध्यम से जीवाजी वैध शाला में देखा जा सकता है,
जहां मौजूद जानकार(गाइड) टूरिस्ट व छात्र छात्राओं को घटना का विवरण समझाते है, आज के दिन की बात करे तो आज का दिन 22 दिसम्बर खोगीलिय घटना के लिए विशेष है आज से सूर्य उत्तरायण की और जाता है आज दिन छोटा व रात बड़ी होती है जिसके बाद 23 दिसम्बर से सूर्य उत्तर की और आएगा तो दिन बड़ा और रात छोटी होने लगेगी जिसके बाद अब 21 मार्च 2023 को दिन व रात बराबर होने की घटना देखने को मिलेगी!सोनकच्छ से स्कूल के छात्र घटना को देखने पहुँचे उन्होंने कहा ये घटना लाइव देख बहुत अच्छा लगा में अपने और भी दोस्तो को यहां आने के प्रेरित करूँगा और विज्ञान को नजदीक से समझ कर गर्व महसूस कर रहा हु!
जीवाजी वैध शाला के जानकार ने जानकरी देते हुए बताया कि खगोलीय दृष्टि से आज का दिन काफी महत्वपूर्ण रहता है, चूंकि आज सूर्य दक्षिणी गोलार्ध पर अपनी चरम बिंदु मकर रेखा में लंबित है, मकर रेखा की स्तिथि 23.5 डिग्री मानी जाती है लेकिन वास्तव में जो सहि है 23 डिग्री 26 मिनट 17 सेकंड है और करीब 23 अंश 14 कला और 26 विक्ला पर सूर्य की स्तिथि है क्योंकि भारत सहित जितने भी देश उत्तरी गोलार्ध पर स्त्तिथ है
वहां से सूर्य सबसे दूर है जिसकी वजह से आज दिन छोटा और रात बड़ी होगी, आज दिन 10 घण्टे 41 मिनट का और रात 13 घण्टे 19 मिनट की रहेगी! आज के बाद अब सूर्य धीरे धीरे उत्तर की और आने लगेगा जिसे उत्तरायण हम कहते है धीरे धीरे दिन बड़े और रात छोटी होने लगेगी जिसके बाद दौबारा ये घटना 21 मार्च 2023 को हमें देखने को मिलेगी जिसमे दिन रात बराबर होगी, आज की घटना को शंकु यंत्र के माध्यम से हम देख सकते है, शंकु की परछाई सबसे बड़ी होकर मकर रेखा पर लंबित रहेगी पूरे दिन देखी जा सकेंगी!