देश में 50 मंदिर बनेंगे चाईल्ड फ्रेंडली, महाकाल मंदिर शामिल
उज्जैन।सिंहस्थ 2016 के दौरान चाईल्ड फ्रेंडली वातावरण का प्रारम्भ उज्जैन जिले से किया गया था, जिसकी तर्ज पर अन्य राज्यों में आयोजित मेले के दौरान चाईल्ड फ्रेंडली पैटर्न को अपनाया गया। इससे मिसिंग चाईल्ड के केस दर्ज नहीं हुए। यह सराहनीय पहल उज्जैन जिले से प्रारंभ हुई है। साथ ही कहा गया कि बालक के संरक्षण एवं बालकों के हित हेतु पारिवारिक व्यवस्था को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आयोग द्वारा तैयार की गई। एसओपी में सड़क पर रहने वाले बालकों के बाल देखरेख संस्था में प्रवेश को अंतिम उपाय के रूप में मानने पर जोर दिया गया है। उक्त बात राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नईदिल्ली के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने कही। वे बृहस्पति भवन में आयोजित श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन परिक्षेत्र में बाल भिक्षावृति, बाल श्रम, बाल शोषण की रोकथाम हेतु विभिन्न स्टेक होल्डर्स की बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, उज्जैन के विशेषकर महाकाल मंदिर परिक्षेत्र को चाईल्ड फ्रेंडली निर्मित करने हेतु देश के 50 धार्मिक स्थलों में से चयन किया गया है जिसके लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नईदिल्ली द्वारा प्रोटोकाल तैयार की गई है जिसमे यह सुनिश्चित किया जाएगा की कोई भी बालक-बालिका फुटपाथ पर न रहे।
कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा बताया गया कि संयुक्त टीम द्वारा निरंतर रेस्क्यू ओपरेशन किए जा रहे हैं, साथ ही उनका फॉलोअप भी किया जा रहा है। स्ट्रीट चिल्ड्रन प्लान के तहत जो भी आयोग द्वारा प्रोटोकाल जारी किये गये है तदुनुसार संबंधित विभागों द्वारा एसओपी में जारी निर्देशो का पालन किया जाकर योजना क्रियान्वित की जाएगी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नईदिल्ली के तकनीकी विशेषज्ञ परेश शाह द्वारा बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग नईदिल्ली द्वारा बाल श्रम बाल दुव्र्यवहार एवं बाल भिक्षावृति विषय बालकों के अधिकारों का हनन एवं निराश्रित बालक एवं बाल अपराधों की घटना के बढ़ते हुए क्रम को देखते हुए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स के माध्यम से पर्यटन स्थलों में चाइल्ड फ्रेंडली वातावरण निर्मित किया जाएगा। बैठक में सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास साबीर एहमद सिद्धिकी द्वारा उज्जैन जिले में बाल भिक्षावृत्ति बालश्रम एवं बाल शोषण रोकथाम हेतु आयोजित की जा रही गतिविधियों के संबंध में अवगत करवाया गया।