उज्जैन। कोरोना संक्रमण शीघ्र ही खत्म होने वाला वायरस नहीं है। कोरोना वायरस से हमें कैसे सुरक्षित रहना है। अपने परिवार और समाज को कैसे बचाना है। जिसकी सुरक्षा हमें ही करना पड़ेगी। तब जाकर हम कोरोना वायरस से बच पाएंगे।
इस गंभीर विषय पर अक्षरविश्व से चर्चा करते हुए शहर के डॉक्ट्र्स कहते हैं कि सावधानी ही सुरक्षा है, केवल मास्क लगाने से हम इस बीमारी से नहीं बच सकते। इसके अलावा भी हमें कई सावधानियां बरतनी होगी। तभी हम इस बीमारी से बच सकते हैं। यह बताते हुए उन्होंने कहा कि मास्क भी तीन तरह के होते हैं। इसको कभी पानी से नहीं धोना चाहिए। मास्क को धूप में सूखाना चाहिए और मास्क लगातार एक ही नहीं पहनना चाहिए। अनुपयोगी को गड्ढे में गाढ़ देना चाहिए। कोरोना वायरस आंखों से भी शरीर में प्रवेश कर सकता है इसलिए चश्मा लगाना भी अति आवश्यकता है। अब हमें ही आत्मविश्वास के साथ अपनी सुरक्षा करनी पड़ेगी।
कोरोना बचाव में मास्क पहनने के साथ सावधानी भी जरूरी है लेकिन इसमें भी अधिकतर लोगों को गलतियां करते देखा जा सकता है। जैसे वे मास्क को बार-बार उतारते हैं, उसे नीचे खींचते हैं जिसके कारण मास्क की लेयर पॉवर खत्म हो जाती है और वह कोरोना के कीटाणुओं को रोक नहीं पाता। वहीं एक ही मास्क को धोकर बार-बार पहनना भी ठीक नहीं है।– डॉ. वैभव जैन, दंत एवं मुख रोग विशेषज्ञ
लोग डिस्पोजेबल मास्क को ही कई दिनों तक पहनते हैं जो गलत है। इस मास्क का केवल एक ही बार उपयोग किया जा सकता है। वहीं घर पर बने मास्क सही है या नहीं यह तब तक नहीं कहा जा सकता जब तक उसकी बारीकियां न जांची जाएं। घर पर बने मास्क यदि थ्री लेयर क्वालिटी के हंै तो कुछ हद तक ठीक हैं। मैं सर्जिकल मास्क के उपयोग की सलाह देता हूं।– डॉ. रजनीश जैन, जनरल फिजिशियन