धनतेरस के साथ शुरू होगा दीपोत्सव पर्व, खरीदी के दो दिनी महामुहूर्त…

उज्जैन।लक्ष्मी पूजन,रोशनी और धन्य-समृद्धि के पर्व दीवाली की शुरुआत खरीदी के दो दिनी महामुहूर्त धनतेरस के साथ शनिवार को होगी। महामुहूर्त में रोशन बाजार में धन बरसेगा और हर ओर पर्व का उजास छाएगा।
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पहले दिन प्रदोषकाल में सुख-समृद्धि के लिए लक्ष्मी व कुबेर का पूजन के साथ अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति के लिए प्रदोषकाल में दीप दान किया जाएगा। अगले दिन रविवार को सर्वार्थ व अमृत सिद्धि योग में मध्यान्ह काल में भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाएगा। इस मौके पर आंगन में रंगोली सजेगी और दीये जलेंगे।ज्योर्तिविदों के मुताबिक दो दिन बन रहे खरीदारी के इस महामुहूर्त में सोना, चांदी, भूमि, भवन, वाहन, इलेक्ट्रानिक उपकरण की खरीदारी तीन गुणा लाभ देने वाली बन रही है।
23 अक्टूबर की शाम को प्रदोषकाल में रूप चतुर्दशी का दीपदान होगा जबकि अगले दिन 24 को सूर्योदय से पहले रूप सौंदर्य के लिए अभ्यंग्य स्नान किया जाएगा। शाम प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से इसी दिन महालक्ष्मी पूजन भी होगा। अगले दिन सूर्यग्रहण होने से 25 अक्टूबर को कोई त्योहार नहीं मनाया जाएगा। गोवर्धन पूजन 26 और भाईदूज 27 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तन खरीदने की परंपरा रही है। लखेरवाड़ी, पटनीबाजार, गोपाल मंंदिर, सतीगेट सहित फ्रीगंज के बाजारों में दिनभर खरीदी के ग्राहकों भीड़ रहेगी। इसके अलावा इलेक्ट्रानिक गैजेट्स, वाहन आदि की खरीदी भी शुभ मुहूर्त में की जाएगी। कई लोगों ने वाहनों की एडवांस बुकिंग भी करवाई है। दीपोत्सव पर लोग घर के रंगरोगन के बाद अब सजावटी सामान की खरीदी करने में जुटे हैं। नए और पुराने शहर के बाजार में अस्थायी दुकानें लगी हैं।
दो दिन धनतेरस
भगवान धनवंतरी के पूजन का पर्व धनतेरस इस वर्ष 22 व 23 अक्टूबर को दो दिन मनाया जाएगा। कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी दिन समुद्र मंथन में अमृत कलश लेकर भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे। त्रियोदशी तिथि शनिवार दोपहर 3.03 बजे से रविवार की शाम 5.20 तक रहेगी।
पहले दिन प्रदोषकाल में दीपदान के साथ लक्षमी-कुबेर का पूजन भी होगा। दूसरे दिन भगवान धनवंतरी का पूजन किया जाएगा। दोनों दिन की गई खरीदारी तीन गुणा फल प्रदान करेगी। इस दिन चांदी-पीतल के बर्तन, सोने-चांदी के सिक्के, गणेश व लक्षमी की प्रतिमाएं खरीदी जाती है।
लाल गेंदा 50 और पीला गेंदा 100 रुपये किलो
बाजारों में फूल, दीए सहित अन्य सजावटी सामग्री की बिक्री हो रही हैं। महंगाई का असर भी दिखाई दे रहा है। गेंदा के दामों में भी उछाल आया है। पीले गेंदे की डिमांड अधिक है इसलिए इसका दाम भी 100 रुपये किलो तक हो गया है। वहीं लाल गेंदा 50 रुपये किलो हैं।
मिट्टी के दीए के दाम अलग-अलग हैं। कहीं पर 10 रुपए के 10 नग तो 5 रुपए के 10 नग भी दिए जा रहे हैं। इसके अलावा डिजाइन वाले दीए 5 से 20 रुपए नग के हैं। धानी 160 रुपए किलो और पतासे 240 रुपए किलो हैं। इसके अलावा लक्ष्मीजी के पाने, लाभ-शुभ सहित अन्य सजावटी स्टीकर, प्लास्टिक के तोरण और झालर आदि 5 रुपए से 100 रुपए तक बिक रहे हैं।
खरीदारी के लिए चौघाडिय़ानुसार आज मुहूर्त
- शुभ: सुबह 7.50 से 9.15 और रात 8.55 से 10:30 बजे तक।
- चल: दोपहर 12.05 से 1.30 बजे तक।
- लाभ: 1.31 से 2.55 और शाम 5.45 से 7.20 बजे तक।
- अमृत: दोपहर 2.55 से 4.20 और रात 10.31 से 12.05 बजे तक
रूप चतुर्दशी
दीपोत्सव में रूप चतुर्दशी पर रूप सौंदर्य के लिए सूर्योदय से पहले अभ्यंग्य स्नान किया जाएगा। चतुर्दशी तिथि 23 अक्टूबर को शाम 5.21 बजे लगेगी जो अगले दिन 24 अक्टूबर को शाम को 5.27 बजे तक रहेगी। शास्त्र मान्यता के अनुसार रूप चतुर्दशी तिथि जिस दिन सूर्योदय के समय रहती है उस दिन मनाई जाती है। इसके तहत 24 अक्टूबर को सुबह रूप चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा।
रोशनी से जगमगाने लगा शहर…
दीपोत्सव पर घर आंगन सजने लगे हैं। आंगन में महिलाएं, युवतियां रांगोली बना रही हैं। वहीं मुख्य द्वार तोरण से सजाए गए हैं। रंग-बिरंगी विद्युत लडिय़ों की रोशनी चारों ओर बिखर रही हैं। शाम के समय आंगन में मिट्टी के दीयों से रोशनी की जा रही हैं। पूरा शहर रोशनी से जगमगाने लगा हैं। रोशनी और साज सज्जा के अलग-अलग आयटम इन दिनों में बाजार में उपलब्ध है, जिसे बहुत ही पसंद किया जा रहा है।









