प्राकृतिक रंगों से चित्रकारी की प्रदर्शनी का आयोजन आज से

चायपत्ती, काफी, बबूल, प्याज, कत्था, मंजिष्ठा, नील, आंवला, गुलाब और अन्य फूलों के रंग

Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!

advertisement

अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन प्रसिद्ध चित्रकार वीणा जैन के चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन 26 और 27 अगस्त को किया जा रहा है। प्राकृतिक रंगों के चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन कालिदास संस्कृत अकादमी में किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन 26 अगस्त को शाम 5 वरिष्ठ चित्रकार डॉ. श्रीकृष्ण जोशी और उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी मध्य प्रदेश के निदेशक जयंत भिसे करेंगे। प्रदर्शनी 27 अगस्त को भी दोपहर 12 से शाम 7 बजे तक अवलोकनार्थ खुली रहेगी।

बचपन से रही चित्रकारी में रुचि

advertisement

उज्जैन शहर में जन्मी, पली बढ़ी और वर्तमान में भोपाल में निवासरत चित्रकार वीणा जैन ने प्रारंभिक चित्रकला का ज्ञान उज्जैन में ही देश के प्रसिद्ध पुरातत्वविद पद्मश्री डॉक्टर विष्णु श्रीधर वाकणकर से प्राप्त किया। बचपन से चित्रकारी में रूचि रखने वाली वीणा जैन ने वर्ष 1982 में विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से चित्रकला में स्नातकोत्तर (प्रावीण्य सूची में द्वितीय स्थान के साथ) किया है। वे पिछले 40 वर्षो से चित्रकारी कर रही हैं।

वीणा जैन ने पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक सामग्री से तैयार रंग से चित्रकारी करने पर विचार किया। इसी विचार को आगे बढाने के लिए निर्णय लिया कि बाजार में आसानी से उपलब्ध केमिकल रंगों के बजाय जैविक रंगों का उपयोग कागज और कैनवास पर पर किया जाए। लगभग 20 वर्ष पूर्व इस पर कार्य करना प्रारम्भ किया। उन्होने ये रंग अपने आसपास दैनिक उपयोग में आने वाली सामग्रियों से ही जुटाना प्रारम्भ किया। रंगों को स्वयं तैयार कर कागज और कैनवास पर उसका प्रयोग किया है।

advertisement

रंगों का निर्माण सामान्य सामग्री और फूलों से

वीणा जैन द्वारा चायपत्ती, काफी, गुलाब, बबूल, हारसिंगार के फूल, प्याज, कत्था, मंजिष्ठा, नील, आंवला, पलाश के फूल आदि से रंगों को तैयार किया जाता हैं। इन रंगों से बने चित्रों की अब देश के कला जगत में एक अलग ही पहचान मिली है। उनके अनेक चित्रों में रंगों की एक समानता के बावजूद उनकी विविधता पूर्ण गतियों के कारण हर बार उनके काम में एक गहराई दिखाई देती है।

वीणा जैन को भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय द्वारा वर्ष 2021 में ‘जैविक रंगों के प्रयोगÓ के लिए 2 वर्ष की सीनियर फैलोशिप भी प्रदान की गई है। इसके अलावा उन्हें उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत एवं कला अकादमी मध्यप्रदेश के द्वारा भी राज्य सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। वे कालिदास अकादमी उज्जैन, प्रफुल्ल दहानुकर आर्ट फाउंडेशन मुंबई, साउथ सेंट्रल जोन कल्चरल सेंटर नागपुर, इंडियन अकादमी आफ फाइन आर्ट्स अमृतसर, स्वराज संस्थान संचालनालय भोपाल, तिलक स्मारक ट्रस्ट पुणे सहित देश की अन्य अनेक संस्थाओं से पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।

चित्रों का प्रदर्शन देश में अनेक स्थानों पर

वीणा जैन के बनाए इन चित्रों का प्रदर्शन देश में अनेक स्थानों पर हो चुका है। मुंबई की प्रसिद्ध जहांगीर आर्ट गैलरी में उनके चित्रों की एकल प्रदर्शनी वर्ष 2012 एवं 2019 में लग चुकी है। इसके अलावा त्रिवेणी कला संगम नई दिल्ली, इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस गैलरी भोपाल, भारत भवन भोपाल, हर्षदा आर्ट गैलरी गोवा, देवलालीकर कला वीथिका इंदौर, अलियांज द फ्रांसिस भोपाल एवं रूफटॉप गैलरी भोपाल, कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन में उनके एकल चित्र प्रदर्शित हो चुके हैं।

लगभग 40 से अधिक समूह प्रदर्शनियों में उनके चित्र प्रदर्शित हुए हैं। इसमें मध्य प्रदेश शासन का खजुराहो उत्सव, ललित कला अकादमी भुवनेश्वर, ललित कला अकादमी दिल्ली, स्वराज संस्थान संचालनालय भोपाल, मध्य प्रदेश कला परिषद भोपाल, नेहरू सेंटर मुंबई, पार्लियामेंट एनेक्सी दिल्ली, चित्रकला परिषद बंगलुरु, सीमा गैलरी कोलकाता आदि स्थान शामिल है।

Related Articles