आज के बिजी शेडूयुल में पेरेंट्स के पास टाइम न होने के कारण वो बच्चे को वो क्वालिटी टाइम नहीं दे पाते जो उन्हें देना चाहिए पर पैरैंट्स अपने बच्चे को बेहतर जीवन देने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और इसके लिए बच्चे को मेड के भरोसे व अकेले छोड़ने को भी तैयार रहते हैं। बच्चे को अकेले छोड़ने का डर पैरेंट्स के मन में हमेशा बना रहता है की उनका बच्चा अकेले सेफ है या नहीं? उनका ये डर कैसे दूर हो ऐसे सेफ्टी टिप्स, जिसको घर से जाते वक्त अपनाना चाहिए, जिससे आप बेफिक्र होकर ऑफिस जा सकते हैं और अपना काम कर सकते हैं……
इमरजेंसी नंबर देकर जाएं
अगर आपका बच्चा खुद से फ़ोन इस्तेमाल कर सकता है तो उसे घर में अकेले छोड़ने से पहले उसे कुछ इमरजेंसी नंबर जरूर देना चाहिए। ऐसे नंबर पर वे किसी भी मुश्किल में पड़ने पर या जरूरत पड़ने पर संपर्क कर सकते हैं। इमरजेंसी नंबर इसलिए भी जरूरी है कि आपका फोन न लगने की स्थिति में वह इस नंबर पर कॉल कर आपकी स्थिति के बारे में जान सकते हैं।
दरवाजा कब खोलना
ये सबसे अहम नियम है कि जब कोई दरवाजा खटखटाए तो गेट खोलना है या नहीं। बच्चे को सिखाएं कि उसे तब तक दरवाजा नहीं खोलना है, जब तक उसे ये ना पता चल जाए कि बाहर कौन है। अजनबियों को तो बिल्कुल भी घुसने नहीं देना है। अगर कोई जान-पहचान का भी है तो पहले पैरेंट्स को कॉल कर के पूछना है।
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं
अक्सर बच्चे घर में अकेले रहना पसंद नहीं करते हैं, उन्हें किसी चीज का डर सताता है. ऐसे में अपने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं. उन्हें मानसिक रूप से तैयार करके ही आप बेफ्रिक होकर ऑफिस में काम कर पाएंगे. बच्चों को खेल-खेल में प्रैक्टिस कराएं कि उन्हें अकेले रहते समय क्या करना चाहिए और किन कामों से दूर रहना चाहिए.
डर दूर करें
कई बार बच्चों को घर में अकेले रहने से काफी डर लगता है. जिसके चलते पेरेंट्स भी बच्चों को डर के बीच में अकेला छोड़कर जाना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में बच्चों को पास बिठाकर समझाने की कोशिश करें और उन्हें जिंदगी के कई डरों से अकेले लड़ने की हिम्मत दें.
कुकिंग टिप्स है जरूरी
बच्चों को 12 साल का होते ही थोड़े-बहुत कुकिंग टिप्स देना भी जरूरी होता है। ऐसा करने से आपकी गैरमौजूदगी में भी बच्चा अपने लिए कुछ हेल्दी बनाकर खा सकता है। वो भूख लगने पर बड़ों के ऊपर निर्भर नहीं रहेगा।