बच्चों को भी होता है स्ट्रेस इन पांच तरीकों से मिनटों में दूर करें उनका तनाव

बच्चों को भी स्ट्रेस होता है लेकिन कई बार मां-बाप उसे यह सोचकर नजरअंदाज कर देते हैं कि बच्चे तो मस्त होते हैं और उन्हें कोई टेंशन ही नहीं होती है। ऐसा सोचना एकदम गलत है। बच्चों को भी तनाव और चिंता हो सकती है जिसका कारण स्कूल का दबाव, दोस्ती या उनके परिवेश में बदलाव हो सकता है। यहां पर माता-पिता की जिम्मेदारी होती है कि वे इन चुनौतीपूर्ण स्थितियों में सही सपोर्ट और आश्वासन दें। उनकी प्रतिक्रिया बच्चे की इन भावनाओं को प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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बच्चे को यह समझने में दिक्कत हो सकती कि वो जो महसूस कर रहे हैं, वो सामान्य हैं। हम उनकी भावनाओं को मान्यता देकर बता सकते हैं कि तनाव या चिंता महसूस करना ठीक है। मान्यता देने से बच्चों को समझा और स्वीकारा हुआ महसूस होता है, जिससे उनकी चिंता कम हो सकती है। ऐसी स्थितियों में आपको बच्चे से क्या कहना चाहिए?

ये फीलिंग्स हमेशा नहीं रहेंगी
जब बच्चे महसूस करते हैं कि उनकी तनावपूर्ण भावनाएं परमानेंट हैं, तो वे और ज्यादा परेशान हो जाते हैं। उन्हें बताएं कि ये फीलिंग्स कुछ समय के बाद चली जाएंगी। जब माता-पिता अपने बच्चे की भावनाओं को स्वीकार करते हैं और आशा प्रदान करते हैं, तो इससे बच्चे को एक सकारात्मक रास्ता देखने में मदद मिलती है।

साथ में कोई एक्टिविटी करते हैं
तनाव और चिंता को कम करने का एक प्रभावी तरीका है कि हम साथ में शांत करने वाली एक्टिविटीज करें। चाहे वह पेंटिंग हो, चलना हो या गहरी सांस लेने का अभ्यास करना हो, ये गतिविधियां भावनाओं को स्वस्थ तरीके से निकालने में मदद करती हैं। शारीरिक गतिविधियां और ध्यान बच्चों में चिंता को कम कर सकते हैं।

तुम अकेले नहीं
हम इसे मिलकर सुलझा सकते हैं। बच्चों को अक्सर चिंता होने पर अकेला महसूस होता है। उन्हें यह याद दिलाना महत्वपूर्ण है कि वे अपनी चिंताओं का सामना अकेले नहीं कर रहे हैं। उनकी भावनाओं को समझते हुए उनके साथ रहना बहुत बड़ा अंतर पैदा कर सकता है।

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