यह कैसी आचार संहिता?

न संस्था का पता, ना मुद्रक का उल्लेख और बंट गया मतदान की अपील का पर्चा
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अक्षरविश्व न्यूज . उज्जैन:मतदान की अपील के एक पर्चे से शहर में खासी हलचल मच गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर अभी नामांकन की प्रक्रिया ही चल रही है, लेकिन अलग-अलग दल और नेताओं ने अपने लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक मामला विनम्र अपील, मतदान अवश्य करें। इस शीर्षक के साथ शहर में वितरित किया गया है। इस पर्चे पर आचार संहिता के नियमों का पालन नहीं है, वहीं एक दल विशेष के पक्ष में मतदान करने का संकेत परिलक्षित हो रहा है।
विधानसभा चुनाव आचार संहिता के तहत किसी भी प्रकाशित प्रचार सामग्री के लिए कई निर्धारित मापदंड और नियम तय किए गए हैं। इसके बावजूद शहर के विभिन्न क्षेत्रों में रविवार की सुबह एक विशेष माध्यम से खास पर्चा घर-घर पहुंचाया गया है। निवेदक के तौर पर इसमें भारत स्वाभिमान मंच अंकित है।
इसके अलावा मतदान की अपील की गई है। पर्चे में सीधे-सीधे तो किसी के पक्ष में मतदान करने का नहीं कहा गया है लेकिन पर्चे की हर लाइन में जो कुछ लिखा गया है या शब्द और वाक्यों का उपयोग किया है उससे सहज अनुमान लगाया जा रहा है कि यह पर्चा मतदान करने के लिए नहीं बल्कि एक दल विशेष के कार्य और उपलब्धि के साथ-साथ भावनाओं को मतदाताओं तक पहुंचाना है। पर्चे में विधानसभा चुनाव को सेमिफाइनल और 2024 में होने वाले चुनाव को फाइनल बताया गया है। इसके साथ ही कई ऐसे बिन्दुओं को जिक्र किया गया है जो दल विशेष की विचारधारा और लक्ष्य को बयां कर रहे हैं।
न मुद्रक और न ही प्रकाशक का नाम
आचार संहिता के नियम अनुसार चुनावी सामग्री के अलावा राजनैतिक प्रचार सामग्री, मुद्रक, प्रकाशक, निवेदक का नाम तो स्पष्ट शब्दों में प्रकाशित करना ही है, प्रचार सामग्री की संख्या को भी पर्चे के किसी एक हिस्से में दर्ज करना अनिवार्य है। मतदान की अपील का जो पर्चा शहर में वितरित किया गया है उस पर ना मुद्रक और ना ही प्रकाशक का नाम है। प्रकाशित पर्चों की संख्या भी दर्ज नहीं की गई है। निवेदक के तौर पर केवल भारत स्वाभिमान मंच लिखा हुआ है। शहर में वितरित हुए पर्चे के संबंध में कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम से संपर्क किया लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।









