वर्ष भर चलेंगे, नवंसंवत-नवविचार के आयोजन

उज्जैन। परम्परानुसार गुड़ी पड़वा से रामनवमी पर्यंत आयोजित होने वाले 24वें अखिल भारतीय विक्रमोत्सव के अन्तर्गत नवसंवत् नवविचार का वैचारिक अनुष्ठान इस वर्ष कोरोना संकट के कारण क्रमश: संचालित होगा। संस्था के अध्यक्ष डॉ.योगेश शर्मा एवं सचिव डॉ.दिनेश जैन ने बताया कि परम्परानुसार मकर संक्रांति को आहुत आयोजन समिति की बैठक में संकल्प खण्ड, कला खण्ड व विचार खण्ड के आयोजन की रूपरेखा तैयार की गई थी। जिसके अनुसार वर्ष प्रतिपदा के सूर्योदय पर सूर्य को अघ्र्य देकर नवसंवत् का अभिनंदन किया जावेगा।
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इसी के साथ देवज्ञ पं.आनंदशंकर व्यास द्वारा नवसंवत् का फलादेश लोकजीवन के संदर्भ में बांचा जावेगा एवं संकल्प खण्ड में कालिदास संस्कृत अकादमी के उप निदेशक डॉ.संतोष पण्ड्या द्वारा हेमाद्रि संकल्प ”संक्रमण से बचाव” जनहितार्थ दिलाया जायेगा। कलाखण्ड के अन्तर्गत वराहमिहिर शोध संस्थान में वसु गुप्ता के संयोजन में कार्यक्रम होगा। नौ व्याख्यान पृथक-पृथक माहों में आयोजित किए जाएंगे। जिसमें नृत्यांगना कु.अनन्या नागर, पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, पद्मश्री आलोक मेहता आदि शामिल होंगे।