निगमायुक्त बोले- यातायात व्यवस्था और यात्रियों के सुरक्षित और सुगम परिवहन के लिए निगम के अधीन चलेंगी 250 ई-रिक्शा
अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन: शहर में सड़कों की क्षमता से अधिक ई रिक्शा हो गए हैं इनके कारण मैनरोड़ से लेकर गली-गली में जाम लगता हैं। महाकाल लोक बनने से पहले ही शहर में ऑटो रिक्शा की संख्या को लेकर सवाल उठते थे और ऑटो की बढ़ती संख्या से लगने वाले जाम से लोगों को परेशानी होती थी। ई रिक्शा तो प्रशासन के लिए चुनौती बन गए हैं। अब इसी चुनौती से निपटने के लिए नगर निगम ने ठेके के माध्यम से शहर में एक साथ 250 ई रिक्शा महाकाल क्षेत्र की सड़कों पर उतारने की तैयारी की है।
दावा किया जा रहा है कि जिन क्षेत्रों में निगम की ई रिक्शा चलेंगी वहां निजी ई रिक्शा प्रतिबंधित रहेंगी। 8 महीने पहले ई रिक्शा की परमिशन पर रोक लगाने की अनुशंसा कलेक्टर को भेजकर शहर में ई रिक्शा के नए रजिस्ट्रेशन बंद करने वाले आरटीओ का कहना है कि किसी वाहन के रजिस्ट्रेशन पर रोक नहीं लगाई जा सकती। यह मौलिक अधिकार की श्रेणी में आता है। पूर्व में जब रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई थी तो कोर्ट द्वारा प्रशाासन को रोक हटाने के आदेश पारित हुए।
महाकाल लोक बनने के बाद शहर में ई रिक्शा की बाढ़ सी आ गई, सड़कों के जाम में ई रिक्शा का रैला दिखाई देता है। ई रिक्शा का शहर के परिवहन पर यह प्रभाव पड़ा है कि सड़कों पर टाटा मैजिक की संख्या कम हो गई है। क्योंकि मैजिक को रूट पर भी कम सवारियां मिल रही है और महाकाल क्षेत्र में उनकी सीमा बांध दी गई है।
टाटा मैजिक एसोसिएशन के श्याम मेहता बताते हैं कि मैजिक की संख्या में 40 प्रतिशत की कमी आई है कुछ मैजिक चालकों ने मैजिक बेचकर ई रिक्शाा खरीदली तो कुछ ने परमिट का समय समाप्त होने के बाद इसे रिन्यू नहीं कराया। इधर महाकाल लोक के लोकार्पण के बाद शहर में ई रिक्शा की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी जितनी तेजी से पिछले ७ साल में भी नहीं बढ़ी थी। सिंहस्थ से पूर्व साल 2015 में ई रिक्शा के शुरू होने से लेकर नवंबर 2022 तक आरटीओ में 1931 ई रिक्शा रजिस्टर्ड किए गए थे। जबकि महाकाल लोक लोकार्पण के बाद पिछले 10 महीनों में तकरीबन 3 हजार ई रिक्शा रजिस्टर्ड हो गए। इसके अलावा बड़ी संख्या में बगैर रजिस्ट्रेशन के भी ई रिक्शा सड़कों पर दौड़ रही हैं।
ये होगा निगम की ई-रिक्शा का रूट, कहां रोकोगे निजी को
निगम की ई रिक् शा का रूट निर्धारित हो गया है निगम से मिली जानकारी के अनुसार ई रिक् शा का संचालन त्रिवेणी संग्रहालय की पार्किंग,चारधाम मंदिर पार्किंग, छोटा रूद्रसागर पार्किंग, नीलकंठ वन मार्ग पार्किंग, मेघदूत वन पार्किंग, इंदौर गेट रेलवे स्टेशन, देवासगेट बस स्टैण्ड और नानाखेड़ा बस स्टैण्ड से संचालित होंगी। वर्तमान में भी सबसे ज्यादा ई रिक् शा इन्हीं रूटों पर संचालित हो रही हैं। यहां यह प्रश्र उठता है कि इन रूटों पर निगम की ई रिक् शा चलेगी तो निजी ई रिक् शा को इस रूट पर संचालन से रोकना संभव नहीं है।
क्षमता से 20 गुना ज्यादा ई-रिक्शा सड़कों पर रेंग रही
एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक शहर की बनावट, यातायात व्यवस्था और सड़कों के अनुसार यहां 250 ई रिक्शा मात्र चलाने की क्षमता है। सिंहस्थ से पूर्व जब अप्रैल 2015 में ई रिक् शा की शुरूआत हुई थी तब सिंहस्थ के दृष्टिगत परिवहन विभाग ने शहर में 500 ई रिक्शा चलाई चलाने का निर्णय लिया था। यह भी निर्णय लिया था कि सिंहस्थ के बाद ई रिक्शा 250 ही चलाई जाएंगी क्योंकि शहर में पहले से 3500 ऑटो रिक्शा संचालित हो रही थी। यदि शहर की सड़कों की क्षमता 250 ई रिक् शा की है तो वर्तमान में क्षमता से 20 गुना ज्यादा ई रिक् शा शहर की सड़कों पर रेंग रही हैं।
महाकाल क्षेत्र में नगर निगम की ई-रिक्शा, निजी होगी प्रतिबंधित
250 ई रिक्शा जो महाकाल क्षेत्र की सड़कों पर उतारने की तैयारी की गई हैं। वो नगर निगम के अधीन ठेकेदार द्वारा संचालित कराई जाएंगी। इस ई रिक्शा में जीपीएस , अग्रिशमन यंत्र, फस्र्टएड बॉक्स भी लगी होंगी। महिलाओं के लिए पिंक ई रिक् शा संचालित होंगी जिसे महिला चालक द्वारा चलाया जाएगा। नगर निगम ने अधिकारियों का कहना है कि महाकाल लोक के आसपास और महाकाल क्षेत्र में यातायात व्यवस्था प्रशासन के लिए चुनौती बन गई है। इसी से निपटने के लिए निगम ने अपनी ई रिक् शा संचालित करने का निर्णय लिया है। इसके शुद्ध लाभ का 20.8 प्रतिशत हिस्सा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत मुहैया कराया जाएगा। नगर निगम आयुक्त रोशक कुमार सिंह ने यूसीटीएसएल के माध्यम से महाकाल लोक के आसपास 250 ई रिक् शा संचालन की व्यवस्था ठेके पर संचालित कराने की तैयारी कर ली है। अधिकारियों का यह भी तर्क है कि मौजूद ई रिक् शा चालक यात्रियों से मनमाना किराया वसूल करते हैं। ट्रेफिक नियमों का पालन भी नहीं करते।ठेके पर संचालित होने वाली ई रिक् शा द्वारा किफायती दर पर लोगों को परिवहन की सुविधा दी जाएगी।
आरटीओ बोले- किसी भी वाहन के रजिस्ट्रेशन रोकने का प्रावधान नहीं, यह निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जा सकता है
सड़कों पर ई रिक् शा की अनियंत्रित संख्या होने पर जनवरी में इसके रजिस्ट्रेशन पर रोक लगाई थी लेकिन डीलर कोर्ट चले गए थे। कोर्ट ने जनहित और मौलिक अधिकार बताते हुए रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटाने का निर्णय दिया । आदेश के परिपालन में नई ई रिक् शा के रजिस्ट्रेशन को नहीं रोका जा सकता है।
संतोष मालवीय, आरटीओ
दर्शनार्थियों को सुलभ और सुरक्षित यात्री परिवहन के लिए निगम ने ई रिक् शा का परिचालन ठेकेदार द्वारा करने का निर्णय लिया है। महाकाल क्षेत्र में यात्रियों से ज्यादा शुल्क लेने वाले निजी ई रिक्शा के नियंत्रण और यातायात की सुगमता के लिए २५० ई रिक् शा नगर निगम के अधीन संचालित कराई जाएंगी।
रोशन कुमार सिंह, निगम आयुक्त