महाकाल दर्शन करने के लिए चारधाम से प्रवेश,
चौराहे से वीआईपी, प्रोटोकॉल, पंडों को प्रवेश
उज्जैन। नागपंचमी पर्व पर महाकालेश्वर मंदिर के नागचंद्रेश्वर के दर्शन एलईडी व ऑनलाइन कराये जा रहे हैं। आमजनों को महाकाल दर्शनों की अनुमति दी गई है। इसके लिये चारधाम मंदिर के सामने से प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि महाकाल चौराहे से लेकर अन्य मार्गों व गलियों में बेरिकेडिंग कर मंदिर की ओर जाने वाले सभी मार्गों को आमजन के लिये प्रतिबंधित किया गया है।
महाकाल चौराहे से सिर्फ वीआईपी, प्रोटोकॉल व पंडे पुजारियों के साथ कर्मचारियों को प्रवेश दिया जा रहा है। भगवान नागचंद्रेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद कुछ वीआईपी ने प्रभाव-दबाव का उपयोग कर मंदिर में श्रद्धालुओं प्रवेश कर भगवान के दर्शन-पूजन किए। कुल मिलाकर मंदिर में वीआईपी कल्चर बना रहा।
नागचंद्रेश्वर मंदिर में पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी किसी को दर्शनों की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी गई है। लोग सामान्य दिनों की तरह भगवान महाकालेश्वर के दर्शन कर सकते हैं। आमजन व सशुल्क दर्शनार्थियों की दर्शन व्यवस्था पूर्वानुसार चारधाम मंदिर से हरसिद्धी चौराहा, बड़ा गणेश मंदिर के सामने से शंख द्वार होते हुए टनल के रास्ते से की गई है। दर्शनों के बाद लोग रूद्रसागर की ओर निर्गम द्वार से बाहर आकर हरसिद्धी चौराहे की तरफ बेरिकेड्स के बाहर चलते हुए निकल रहे हैं, लेकिन नागपंचमी पर्व पर बड़ी संख्या में लोगों के महाकाल मंदिर पहुंचने की आशंका के चलते प्रशासन व पुलिस द्वारा भीड़ नियंत्रण के मद्देनजर महाकाल मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर चौराहे तक के इलाके को खाली रखा गया है। इस क्षेत्र में आमजन के आवागमन को भी प्रतिबंधित किया गया है।
महाकालेश्वर मंदिर दर्शनों के लिये आमजन व सशुल्क दर्शनार्थियों को हरिफाटक ब्रिज से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर होते हुए चारधाम मंदिर तक पहुंचना होगा, जबकि गुदरी, तोपखाना, बेगमबाग की ओर से आने वाले लोगों बेगमबाग की ओर से महाराजवाड़ा स्कूल की तरफ भारत माता मंदिर की ओर जाने वाली गली पर बेरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया इसके आगे महाकाल चौराहा से सिर्फ वीआईपी, प्रोटोकॉल, पंडे, पुजारी, मंदिर समिति के कर्मचारियों को प्रवेश दिया गया। प्रोटोकॉल अफसर व पुलिस के अफसर भी यहीं ड्यूटी कर रहे थे। यहां से चौबीसखंबा की गली में बेरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा महाकाल घाटी, बड़ा गणेश की ओर जाने वाले मार्गों पर बेरिकेडिंग कर हर पाइंट पर पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगाई गई है।
होटलें खाली, रहवासी परेशान, होते रहे विवाद
प्रशासन द्वारा मंदिर दर्शन व्यवस्था और भीड़ नियंत्रण का हवाला देकर गलियों, दुकानों और महाकाल मंदिर की तरफ जाने वाले सभी प्रवेश मार्गों पर बेरिकेड्स लगाकर घेराबंदी कर दी साथ ही लोगों के आवागमन को प्रतिबंधित किया इस कारण क्षेत्र की 100 से अधिक होटलें खाली हो गईं, होटल में ठहरे लोगों को भी प्रवेश नहीं दिया गया। रहवासी आवागमन के लिये परेशान होते रहे। अपने घरों तक आने जाने के लिये लोगों को पुलिस से बार बार निवेदन करना पड़ा, जबकि कुछ लोग बेरिकेड्स हटाकर मंदिर की ओर जाने के लिये पुलिस अफसरों से विवाद करते नजर आये।
नहीं नजर आएं सपेरे
सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी शुक्रवार को नागपंचमी पर्व में मनाया गया। सनातन परंपरानुसार इस दिन नाग देव का पूजन किया जाता है। वन विभाग ने जंगल से सांपों को पकड़कर पूजन कराने वाले सपेरों को प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है। प्रतिबंध और इस बार भी कोरोना के कारण ये सपेरे सड़कों पर नजर नहीं आएं। हालांकि जिन घरों में पूजन होता है वहां सांप की आकृति बनाकर पूजन हयिा गया। अनेक भक्त शहर के शिव मंदिरों और नाग मंदिरों में पूजन करने के लिए पहुंचेे।