उज्जैन:माधवनगर अस्पताल में रात 12 बजे कलेक्टर की गाड़ी से मंगवाना पड़े ऑक्सीजन सिलेंडर

By AV NEWS

ऑक्सीजन की सप्लाय इंदौर और भोपाल से, अब अधिक जागरूक रहेंगे : सीएमएचओ

उज्जैन। बीती रात माधव नगर कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने और नये सिलेंडर समय पर अस्पताल नहीं पहुंचने की खबर सुनने के बाद कलेक्टर स्वयं सीएमएचओ और सोजान सिंह रावत माधव नगर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने स्वयं खड़े रहकर ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कराई। खास बात यह कि कलेक्टर के वाहन से भी ऑक्सीजन सिलेंडर मंगाए गए।

सीएमएचओ डॉ. महावीर खंडेलवाल ने बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर का पूरा सप्लाय इंदौर और भोपाल से होता है। खास बात यह कि ऑक्सीजन सिलेंडर मध्यप्रदेश में तैयार नहीं होते। अस्पताल प्रशासन द्वारा 15 प्रतिशत ऑक्सीजन सिलेंडर बचने के बाद आगे डिमांड बढ़ाई जाती थी, लेकिन वर्तमान में कोरोना मरीजों का आंकड़ा प्रदेश में बढऩे के साथ ही ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता भी बढ़ गई है ऐसे में सप्लाय सिस्टम गड़बड़ा गया है।

हम लोग भी भोपाल और इंदौर से सप्लाय पर निर्भर हैं। देर रात जैसे ही माधव नगर अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों के खत्म होने और नये सिलेंडर नहीं पहुंचने की जानकारी मिली कलेक्टर आशीष सिंह, एडीएम सोजान सिंह रावत स्वयं अस्पताल पहुंचे। करीब एक घंटे तक अस्पताल में रहकर सिलेंडर की आपूर्ति कराई गई। खास बात यह कि कलेक्टर के वाहन से भी ऑक्सीजन सिलेंडर जुटाए गए। डॉ. खंडेलवाल के अनुसार उक्त स्थिति की पुनर्रावृत्ति से बचने के लिये अब तय किया गया है कि स्टाक में 25 प्रतिशत सिलेंडर रहने के तुरंत बाद डिमांड बढ़ा दी जायेगी ताकि सप्लाय में कुछ गड़बड़ होती है तो भी विपरीत स्थिति से निपटा जा सके।

प्रायवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 50-60 सिलेंडर लग रहे
इसी प्रकार प्रायवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिये आरक्षित बेड फुूल हो चुके हैं। संजीवनी अस्पताल में प्रतिदिन 50-60 ऑक्सीजन सिलेंडर की आवश्यकता पड़ रही है। यही हाल अन्य प्रायवेट अस्पतालों का भी है।

जिनमें लक्षण नहीं वह घर पर कराएं उपचार
कोविड अस्पताल माधव नगर, चरक आदि में कुछ ऐसे मरीज भी भर्ती हैं जो कोरोना पाजिटिव हैं, लेकिन लक्षण नहीं हैं। ऐसे मरीजों को घर पर आइसोलेशन में रहकर उपचार कराने की हिदायत डॉक्टरों द्वारा दी जा रही है साथ ही अस्पतालों में सिर्फ ऐसे मरीजों को भर्ती करने के निर्देश दिये गये हैं जिनका ऑक्सीजन लेवल कम होने के साथ लक्षण सामने आ रहे हों।

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