उज्जैन : जिला पंचायत अध्यक्ष ‘बागी’ के भरोसे

भाजपा के समर्थक सदस्य अधिक, पर दो दावेदारों के कारण खींचतान के आसार

उज्जैन। तीन चरणों में हुए पंचायत चुनाव सम्पन्न हो चुके है। जिला पंचायत के 21 वार्ड में भाजपा समर्थित सदस्यों की संख्या है। आंकड़ों के मान से कांग्रेस को झटका लगा है,तो 6 सदस्यों ने बगैर किसी दल के समर्थन से जीत हासिल की है।
तीन चरणों में हुए पंचायत चुनाव सम्पन्न हो चुके है। उज्जैन जिला पंचायत चुनाव के आधिकारिक परिणाम 14 और 15 जुलाई को आएंगे। लेकिन इससे पहले ही 21 सीटों वाली उज्जैन जिला पंचायत का अध्यक्ष बनने के लिए जोड़ तोड़ शुरू हो चुका है।

परिणामों से पहले आये रुझान में उज्जैन जिला पंचायत में 21 में से 11 भाजपा समर्थक 4 कांग्रेस समर्थक और 6 सदस्य बगैर किसी दल के समर्थन से जीते हैं। वैसे तो जिला पंचायत-जनपद पंचायत सदस्य और सरपंच के चुनाव गैर दलीय आधार पर होते है,लेकिन राजनीतिक दल दूरगामी राजरीतिक लाभ को ध्यान में रखकर प्रत्याशी को समर्थन भी देते हुए। ऐसे में चुनाव चिन्ह भले दल का नहीं होता है,पर झण्डा-डण्डा पार्टियों का लेकर प्रचार करते है। मतों के सारणीकरण के बाद विजयी उम्मीदवारों के नाम सामने आ गए है। हालांकि चुनाव परिणामों की अधिकृत घोषणा होना अभी शेष है। बहरहाल जिला पंचायत सदस्यों स्थिति के अनुसार सदस्य संख्या के मान से जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा का बनना तय माना जा रहा है।

जिला पंचायत में अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला

जिला पंचायत में अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला है और भाजपा की दो महिला और कांग्रेस की ओर तीन अनारक्षित महिला रुझानों के अनुसार जिला पंचायत बनी है। ऐसे में सदस्यों की अधिक संख्या को ध्यान में रखकर भाजपा को अध्यक्ष की दो दावेदारों के बीच समन्वय बनाकर मैदान में उतरना होगा। वहीं कांग्रेस को अपना अध्यक्ष बनाने के लिए बगैर समर्थन से जीतकर आने वालों को साधना होगा। ऐसे में बगैर समर्थन के जीते 6 सदस्यों की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। इनमें से 4 कांग्रेस और 2 भाजपा के बागी है। भाजपा की दो महिला जिला पंचायत सदस्य राधिका गजेंद्र सिंह और कमला कुंवर दोनों अध्यक्ष पद की दावेदार मानी जा रही हैं। दोनों में से कौन अध्यक्ष होगा ये तो आने वाला समय बताएगा। वहीं कांग्रेस की ओर से रतनबाई मंडोवरा,हेमलता बालू सिंह पंवार है। वहीं दलजीत कौर है,जिन्हें कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया पर वे कांग्रेसी परिवार से है।

जानकारों का कहना है कि जिला पंचायत चुनाव में भाजपा भले ही बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है, लेकिन अगर पार्टी में फूट पड़ी तो इसका फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। ऐसे में भाजपा के लिए बोर्ड बनाने की राह भले ही आसान हो लेकिन अपनों को संभालना सबसे बड़ी चुनौती होगा। पार्टी किसे अध्यक्ष पद के लिए अधिकृत करती है इसको लेकर अभी तक संगठन कोई भी कुछ भी बोलने से बच रहा है। जिला पंचायत चुनाव में कांग्रेस के महज 4 जिला पंचायत सदस्य विजयी हुए है, लेकिन 6 निर्दलीय सदस्यों के दम पर कांग्रेस भाजपा में सेंध लगाने के प्रयासों कर सकती है। कांग्रेस वार्ड 11 से विजयी प्रताप सिंह गुर की माताजी या वार्ड 19 से जीतकर आई हेमलता बालुसिंह पंवार को अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बना सकती है।

जिला पंचायत सदस्यों की स्थिति रुझान के अनुसार

वार्ड नाम समर्थन
1 शोभाराम मालवीय भाजपा
2 सुरेश चौधरी निर्दलीय
3 मंजू संजय वर्मा कांग्रेस
4 अमर सिंह पटेल भाजपा
5 शिवानी कुंवर निर्दलीय
6 अजीता परमार भाजपा
7 ईश्वर जिगर भाजपा
8 ओमप्रकाश राजोरिया भाजपा
9 मुकेश परमार निर्दलीय
10 श्याम सिंह चौहान निर्दलीय
11 दलजीत कौर निर्दलीय
12 प्रताप सिंह आर्य निर्दलीय
13 रतनबाई मंडोरा कांग्रेस
14 राधिका गजेंद्र सिंह भाजपा
15 शारदा बाई राकेश चंद्रवंशी भाजपा
16 राधा पिता भीमराज मालवीय कांग्रेस
17 बालाराम खींची भाजपा
18 कमलाकुंवर अंतर सिंह बरडिया भाजपा
19 श्रीमती हेमलता बालुसिंह पंवार कांग्रेस
20 रामप्रसाद पंड्या भाजपा
21 श्यामूबाई मांगीलाल मोहरी भाजपा

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