कानफोड़ू डीजे और स्पीकर्स पर प्रशासन की नजर नहीं

धर्मस्थलों से हटाए गए ध्वनि विस्तारक यंत्र
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अक्षरविश्व न्यूज. उज्जैन:सरकार ने आदेश दिया है कि प्रदेश में तय लिमिट से ज्यादा डीजे, लाउडस्पीकर नहीं बजाए जा सकेंगे। इसके बाद से उज्जैन समेत धर्मस्थल और अनेक जगह से लाउडस्पीकर हटा लिए गए। फिलहाल कानफोड़ू डीजे और स्पीकर्स पर प्रशासन की नजर नहीं है। नतीजतन डीजे और स्पीकर्स की कानफोड़ू ध्वनि सभी को परेशान कर रही है। प्रशासन के पास बड़े बाक्स वाले डीजे पर कार्रवाई की कोई तैयारी नहीं है।
गृह विभाग ने ध्वनि विस्तारक यंत्र के इस्तेमाल को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसके मुताबिक किसी भी धार्मिक स्थल या अन्य स्थानों पर तय मापदंड के अनुसार ही ध्वनि विस्तारक यंत्र का इस्तेमाल किया जा सकेगा। तय मानकों से ज्यादा तेज आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र नहीं बजाए जाएंगे।
शिकायत मिलने पर उडऩदस्ता जांच करेगा। जिला स्तर पर तीन सदस्यीय उडऩदस्ता गठित किया जाएगा। शिकायत की जांच तीन दिन में पूरी की जाएगी। आदेश के बाद प्रशासन द्वारा ताबड़तोड़ ध्वनि विस्तारक यंत्र को हटवा दिया। इसके बाद जिला प्रशासन द्वारा धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर उनसे नियमों का पालन कराने का आह्वान किया है।
एक वाहन पर कई बॉक्स
धार्मिक, सांस्कृतिक और वैवाहिक सहित अन्य समारोह में डीजे का उपयोग किया जा रहा है। एक वाहन पर उच्चत्तम क्षमता कई बॉक्स लगाएं जा रहे हंै। फिलहाल प्रशासन के पास ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण करने के लिए डीजे पर प्रतिबंध लगाने कोई योजना नहीं है।
नियमानुसार आवासीय क्षेत्र में दिन में 55 और रात में 45 डेसिबल से अधिक आवाज में डीजे नहीं बजाए जा सकते, लेकिन शादियों और समारोह में डीजे ८० से ८५ डेसिबल तक बजते हैं। जो रात के लिए निर्धारित तय मानक से लगभग दोगुना है। रहवासी क्षेत्रों में रात 10 बजे के बाद भी स्टैंडर्ड को लांघकर डीजे बज रहे हैं। शादियों में बजते डीजे, लाउड स्पीकर के कारण लोगों को परेशानी होती है। कारण- ध्वनि प्रदूषण को लेकर तय मानकों का जमकर उल्लंघन किया जा रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक इतना शोर मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकता है। यह साइलेंट किलर की तरह है।
जिले में करीब पांच सौ डीजे….
जिले में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग ५०० डीजे हैं। संचालकों ने लोडिंग वाहनों पर डीजे बनवाए हैं, जिनमें अत्याधिक तीव्रता ध्वनि वाले बॉक्स लाइटिंग के साथ लगाए जाते हैं। इनके सामने कमजोर हृदय वाले लोग खड़े नहीं हो पाते हैं। बता दें कि एक डीजे को बनवाने में कम से कम 10 से 15 लाख रुपये का खर्च आता है।










