300 से अधिक स्कूलों के विद्यार्थी शालेय खेल प्रतियोगिता से वंचित
क्रीड़ा शुल्क जमा नहीं तो बच्चे मैदान से दूर…
जिला शिक्षा अधिकारी बोले… हम तो आदेश का पालन कर रहे
उज्जैन।शिक्षा विभाग शुल्क जमा नहीं होने को आधार बनाकर खेल प्रतिभाओं को उनकी योग्यता और क्षमताओं के साथ आगे बढऩे के अवसर से वंचित कर रहा हैं।
विभाग ने 300 से ज्यादा स्कूलों के खिलाडिय़ों को क्रीड़ा शुल्क जमा नहीं होने पर वर्तमान में चल रहीं शालेय खेल प्रतियोगिताओं में शामिल नहीं किया। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा का कहना है कि शुल्क के संबंध में हम शासन के आदेश का पालन कर रहें है।
शिक्षा विभाग की शुल्क अनिवार्यता नीति का खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ रहा हैं। क्रीड़ा शुल्क जमा न होने की स्थिति में ३ हजार से ज्यादा विद्यार्थी राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिताओं में भाग नहीं ले पाए हैं।
ये वे खिलाड़ी है जिनकी खेलों के प्रति रूचि अधिक है। जिले में 524 हाई एवं हायर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें से 319 स्कूलों ने सत्र 2021-22में 20 लाख रुपए से ज्यादा का क्रीड़ा शुल्क जमा नहीं किया है।
शुल्क जमा न करने वाले शासकीय स्कूलों की संख्या 202 में से 72 है और निजी स्कूलों की संख्या 322 में से 247 है। खास बात यह है कि इनमें कई स्कूल ऐसे भी हैं जिन्होंने पिछले चार सालों से ही क्रीड़ा शुल्क जमा नहीं किया है।
बता दें कि इस समय शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय खेल स्पर्धाएं चल रही हैं। इनमें सरकारी के साथ प्राइवेट स्कूलों के विद्यार्थी भी भाग लेते हैं। लेकिन इस बार शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों से इस साल के साथ पिछला बकाया क्रीड़ा शुल्क भी मांगा है, जिसके चलते जिले के करीब 247 प्राइवेट स्कूलों के 3000 से ज्यादा विद्यार्थी खेल स्पर्धाओं में भाग नहीं ले सके है।
कोविड काल में स्कूल बंद थे… विभाग फिर भी मांग रहा शुल्क
इस संबंध में अशासकीय शाला संगठन के संभागीय अध्यक्ष एस एन शर्मा का कहना है विभाग उन दो सालों का भी शुल्क मांग रहा, जब कोविड के कारण स्कूल खुले ही नहीं थे। खेल स्पर्धाएं भी नहीं हुई। इस दौरान कई विद्यार्थियों की ट्यूशन फीस तक जमा नहीं हुई। कई स्पोर्ट्स टीचर तो बेरोजगार हो गए थे।
इसके अलावा विभाग और प्राइवेट स्कूल संचालकों के बीच समन्वयन की भी कमी है। विभाग द्वारा निकाले गए आदेश प्राइवेट स्कूल संचालकों तक पहुंच ही नहीं पाते है। वहीं शिक्षा विभाग का कहना है स्कूलों ने पूरी फीस वसूली है।
क्रीड़ा शुल्क में वृद्धि…
राज्य शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार पिछले दो सालों में 9वीं और 10 वीं से 60 रुपए प्रति विद्यार्थी और 11 वीं और 12वीं के लिए 100 रुपए शुल्क देना होता था। इस बार 9वीं और 10 वीं तक के लिए 120 रुपए और 11वीं और 12वीं के लिए 200रुपए क्रीड़ा शुल्क तय किया गया है। यह आदेश सत्र 2022-23 से प्रभावी है।
अनुदान प्राप्त शालाओं ने भी शुल्क नहीं जमा करवाया
जिले में कुल 17 अशासकीय स्कूल ऐसे है, जिन्हें शासन द्वारा अनुदान दिया जाता है। इन संस्थाओं के अधिकृत शिक्षकों का वेतन, भवन किराया और अन्य खर्च अलग-अलग मदों के माध्यम से अनुदान के रूप में दिया जाता रहा है। अनुदान प्राप्त कुछ शालाओं द्वारा क्रीड़ा शुल्क नियमित रूप से विभाग को जमा नहीं करवाया जा रहा है।
यह कहना है जिला शिक्षा अधिकारी का
क्रीड़ा शुक्ल वसूलने के लिए विभाग द्वारा सूची तैयार कर उक्त स्कूल संचालकों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। इस साल भी जिन स्कूलों के विद्यार्थियों का क्रीड़ा शुल्क जमा नहीं किया है, उन्हे जल्द हीनोटिस जारी किए जाएंगे। इस संबंध में राज्य शासन के आदेश अनुसार ही कार्रवाई की जाएगी। -आनंद शर्मा, जिला शिक्षा अधिकारी उज्जैन