नए साल से बदली आरटीओ की व्यवस्था ने बढ़ा दी परेशानी

ऑनलाइन नहीं हो रहे वाहन ट्रांसफर,पेनल्टी की चिंता
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उज्जैन।पुराने वाहन को बेचने, वाहनों से फायनेंस हटवाने, डुप्लीकेट पंजीयन कार्ड जारी करवाने जैसे कामों को घर बैठे ऑनलाइन करने की व्यवस्था लागू हुए एक पखवाड़े से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन यह व्यवस्था अभी तक प्रारंभ नहीं हुई है। यह कार्य ऑफलाइन नहीं किया जा रहा है। काम में देरी के कारण लोगों को पेनल्टी की चिंता सता रही है।
आरटीओ में पुराने वाहन को बेचने, वाहनों से फायनेंस हटवाने, डुप्लीकेट पंजीयन कार्ड जारी करवाने जैसे कामों की ऑफलाइन व्यवस्था को बंद कर दिया है। पुराने आवेदनों के काम को पूरा करने और इनका डाटा वाहन पोर्टल पर शिफ्ट करने के लिए 18 दिसंबर से ही पुरानी व्यवस्था को बंद कर 1 जनवरी से नई व्यवस्था को लागू कर दिया था। इसमें दावा किया था कि 1 जनवरी से आरटीओ जाने से मुक्ति मिल जाएगी। लोग ऑनलाइन ही इन कामों को कर सकेंगे। आधार कार्ड होने पर बिना परेशानी के यह काम हो जाएगा। ऐसा नहीं हो रहा है।
पोर्टल की एनसीआरबी से लिंक नहीं
मप्र में नए साल से पुराने वाहनों के नाम ट्रांसफर, डुप्लीकेट पंजीयन कार्ड और दूसरे राज्य में जाने के लिए लगने वाली एनओसी को घर बैठे करने की व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। दरअसल, वाहन पोर्टल से नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की वेबसाइट के लिंक नहीं होने से ऐसा हो रहा है।
आरटीओ में 18 दिसंबर से पुराने वाहनों के नाम ट्रांसफर और अन्य काम रोक दिए गए। एजेंटों ने बताया कि काफी परेशानी हो रही है। बेची गई गाड़ी का अब तक नाम ट्रांसफर नहीं हुआ है। यही हाल डुप्लीकेट पंजीयन कार्ड का है। आरटीओ अधिकारियों ने बताया कि दूसरे राज्यों की तरह एनसीआरबी की लिंक मांगी है, लेकिन वह नहीं मिल रही है। इससे काम अटक गया है।
ऐसे करेगा काम…
पुराने वाहनों से जुड़ा कोई भी काम करने पर सिस्टम में विकल्प आएगा। यहां उस वाहन का पंजीयन नंबर डालते ही सीधे नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की वेबसाइट खुल जाएगी। इसके बाद वाहन से जुड़ी जानकारी आ जाएगी। अगर वाहन किसी अपराध में उपयोग हुआ होगा या मालिक का नाम अलग आएगा, तो पूरी जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद आरटीओ अधिकारी अपने स्तर पर उसका काम रोक देंगे।