महाकाल मंदिर में नव वर्ष 2023 के पहले दिन उमड़ा आस्था का सैलाब

By AV NEWS

उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर की भस्म आरती के साथ हुई नए साल की शुरुआत

उज्जैन। नया साल 2023 का आगाज हो चुका है। उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दरबार में सुबह होते ही साल की पहली भव्य भस्मा आरती हुई।

ऐतिहासिक स्थलों और टूरिस्ट स्पॉट पर लोगों की काफी भीड़ रही। नए साल के स्वागत का उत्साह इतना था कि लोगों में कोरोना का खौफ तक नहीं दिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यू ईयर के मौके पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी हैं।

उज्जैन में आज तड़के भगवान श्री महाकाल की भस्मारती हुई। सैकड़ों लोगों ने भस्मारती में अवंतिकानाथ के दर्शन किए। महाकाल का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया था। भक्तों ने दर्शन कर महाकाल का जयकारा लगाया और धन्य हुए। नए साल की शुरुआत रविवार अवकाश से हुई है। । इसलिए अधिक लोग यहां पहुुंचें हैं। श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा भी विशेष इंतजाम किए गए है। श्रद्धालुओं को महाकाल लोक से प्रवेश दिया जा रहा है।

भगवान महाकाल के दर्शन की लाईन त्रिवेणी संग्रहालय से

सामान्य दर्शनार्थी को लग रहा 2 घंटे का समय…दोपहर 12 बजे तक 2 लाख भक्तों ने किये दर्शन

सशुल्क, वीआईपी की इंट्री गेट नं. 4 से

उज्जैन।वर्ष के पहले दिन की शुरूआत लोगों द्वारा देवदर्शन के साथ की गई। इसी के चलते देश भर से एक दिन पहले उज्जैन महाकालेश्वर के दर्शन करने पहुंचे लोग मंदिर खुलने के समय से पूर्व ही लाइन में खड़े हो चुके थे। मंदिर समिति द्वारा सामान्य दर्शनार्थियों का प्रवेश त्रिवेणी संग्रहालय के सामने से महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर की ओर से किया गया है। लाइन में लगे लोगों को लगातार चलने के 2 घंटे बाद भगवान के दर्शन हो रहे हैं।

सिर्फ एक ही जगह से बेरिकेड्स में प्रवेश

31 दिसंबर तक मंदिर समिति द्वारा बेगमबाग, भारत माता मंदिर के सामने और बड़ा गणेश मंदिर के सामने के अलावा त्रिवेणी संग्रहालय से महाकाल लोक होते हुए मानसरोवर हॉल तक प्रवेश दिया जा रहा था वहीं आज दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए सभी रास्ते बंद कर दिये गये हैं और सामान्य दर्शनार्थियों को सिर्फ त्रिवेणी संग्रहालय से प्रवेश दिया जा रहा है। डबल बेरिकेडिंग में दो-दो की कतार से लाइन लगातार चल रही है।

डेढ़ किलोमीटर का अलग से चक्कर…

कई लोगों को मंदिर की दर्शन व्यवस्था में परिवर्तन की जानकारी नहीं होने पर वह लोग बड़ा गणेश, बेगमबाग और भारत माता मंदिर के रास्ते मानसरोवर हॉल की तरफ पहुंच रहे हैं। यहां पर फूल प्रसाद वाले लोगों के जूते चप्पल अपने यहां रखवाकर प्रसाद फूल भी उन्हें दे रहे हैं लेकिन इन लोगों को दर्शन की लाइन में लगने के लिये बेगमबाग के रास्ते हरिफाटक ब्रिज होते हुए त्रिवेणी संग्रहालय तक बिना जूते चप्पल के पैदल डेढ़ किलोमीटर तक चलना पड़ रहा है।

मंदिर के आपात गेट से निर्गम द्वार के रास्ते महाकाल लोक से बाहर

मानसरोवर हॉल में इंट्री के बाद झिकझेक में होते हुए लोगों को टनल के रास्ते पुराने निर्गम गेट से होते हुए मंदिर में प्रवेश कराया जा रहा है वहीं निर्गम के लिये आपात गेट खोलकर सीधे निर्गम द्वार तक ले जाकर लोगों को महाकाल लोक के रास्ते धनुष द्वार से बाहर किया जा रहा है। खास बात यह कि मंदिर परिसर में किसी को भी इंट्री नहीं दी गई है।

सुबह 6 बजे से शुरू हुए सामान्य दर्शन

मानसरोवर हॉल में लगे कर्मचारियों ने बताया कि सुबह 6 बजे से सामान्य दर्शनार्थियों की लाइन शुरू हुई जो लगातार चल रही है। दोपहर 12 बजे तक 2 लाख से अधिक लोग दर्शन कर चुके थे।

भीड़ कंट्रोल करने में पुलिस की मशक्कत

महाकाल थाने के सामने से बड़ा गणेश घाटी वाले मार्ग पर गेट नंबर 4 और 5 स्थित हैं। गेट नं. 4 से सशुल्क व वीआईपी, प्रोटोकॉल वाले दर्शनार्थियों को प्रवेश दिया जा रहा है और इन लोगों का निर्गम गेट भी यहीं से रखा गया है। सामान्य दर्शनार्थी जानकारी नहीं होने के कारण इस मार्ग पर पहुंचने से पुलिस को यातायात चौकी के सामने बेरिकेडिंग कर लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित करना पड़ा बावजूद इसके पुलिस और लोगों के बीच कहासुनी की स्थिति बन रही थी।

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