शिप्रा नदी के घाट बनाने के लिए 30 माह की डेडलाइन

जल संसाधन विभाग ने किया ठेकेदार कंपनी से एग्रीमेंट, जल्द होगा सर्वे

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563 करोड़ रुपए सरकार इस योजना पर कर रही खर्च

15.50 मीटर चौड़े घाट नदी किनारे बनाए जाएंगे।

3 मीटर से अधिक शिप्रा नदी के तल से इनकी ऊंचाई होगी

सिंहस्थ के दौरान नदी किनारे अखाड़े भी लग सकेंगे।

अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। शिप्रा नदी के दोनों ओर कुल 29 किलोमीटर लंबे घाट बनाने के लिए जल संसाधन विभाग के नमामि शिप्रे विभाग ने ठेकेदार कंपनी के साथ एग्रीमेंट कर लिया है। जल्द ही कंपनी द्वारा घाट निर्माण के लिए सर्वे किया जाएगा। इस बार शनि मंदिर से सिद्धवट तक घाट बनाने के लिए प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार काम कर रही है। इससे सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं को स्नान के लिए सुविधाजनक घाट मिल सकेंगे।

शिप्रा नदी के दोनों तरफ 14.5 किलोमीटर के घाट बनाए जाएंगे। इंदौर की फ़लौदी कंस्ट्रक्शन कंपनी ने 563.28 करोड़ रुपए में यह काम करने का ठेका लिया है। विभाग ने 593 करोड़ रुपए का टेंडर लगाया था। टेंडर को स्वीकृति मिलने के बाद एग्रीमेंट का प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई है। इसमें कम्पनी को 30 माह का समय दिया गया है।

सिंहस्थ 2028 से पहले यह काम पूरा करने का टारगेट दिया गया है। सर्वे के बाद घाट की स्थिति साफ होगी। घाट निर्माण की राह में आ रहे निर्माण भी चिह्नित किए जाएंगे। सरकार ने त्रिवेणी स्थित शनि मंदिर से सिद्धवट के आगे उन्हेल बायपास तक घाट निर्माण की योजना बनाई है, जिससे श्रद्धालुओं को नदी किनारे लंबा कॉरिडोर भी मिल सकेगा। इससे सिंहस्थ के दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ भी नियंत्रित हो सकेगी। शिप्रा नदी का पानी साफ स्वच्छ और निर्मल करने के लिए कान्ह क्लोज डक्ट प्रोजेक्ट का काम भी तेजी से किया जा रहा है। नमामि शिप्रे खंड के अधिकारियों ने ठेकेदार कंपनी के साथ एग्रीमेंट होने की पुष्टि की है।

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