76वां गणतंत्र दिवस समारोह दशहरा मैदान में मना, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने लहराया तिरंगा, परेड की सलामी ली

गुनगुनी धूप में देशभक्ति का जुनून
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बच्चों की प्रस्तुतियों में दिखाई दी विभिन्न संस्कृतियों की झलक
तिरंगे के रंग के गुब्बारे छोड़
धनुष थामे बच्चों ने खींचा ध्यान
झांकियों में शहर विकास प्रमुख
भारत माता की जय के नारे लगे
अक्षरविश्व न्यूज उज्जैन। देश के ७६वें गणतंत्र दिवस पर रविवार को देशभक्ति का जोश हाई रहा। प्रमुख समारोह सुबह ९ बजे दशहरा मैदान पर हुआ। मुख्य अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने ध्वज वंदन किया और परेड का निरीक्षण करते हुए सलामी ली। इस दौरान राष्ट्रीय धुन की प्रस्तुति दी गई। इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संदेश का वाचन किया। तीन बार हर्ष फायर के बाद रक्षित निरीक्षक रंजीत सिंह और सेकंड परेड कमांडर सूबेदार स्वाति कामले के नेतृत्व में मार्चपास्ट हुआ। इसके बाद विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जिसे देखकर वहां उपस्थित गणमान्यजनों ने तालियां बजाकर बच्चों का उत्साहवर्धन किया। प्रस्तुतियों में विभिन्न राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई दी।
यह रहे अतिथि
महापौर मुकेश टटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, भाजपा नगर अध्यक्ष संजय अग्रवाल, नगर निगम अध्यक्ष कलावती यादव, बहादुर सिंह बोरमुंडला, आईजी उमेश जोगा, डीआईजी नवनीत भसीन, होमगार्ड डिवीजनल कमांडेंट आरके पाठक, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट संतोष कुमार जाट, कलेक्टर नीरज कुमार सिंह, एसपी प्रदीप शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष कमला कुंवर, जिपं सीईओ जयति सिंह, नगर निगम आयुक्त आशीष पाठक आदि थे।
झांकियों का प्रदर्शन
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के बाद झांकियों का प्रदर्शन किया। इसमें उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग ने अपनी झांकी में योजनाओं की जानकारी दी। यूडीए की दो झांकियां विकास के विभिन्न प्रोजेक्ट से संबंधित रहीं। जल संसाधन विभाग ने कान्ह डक्ट परियोजना, लोक निर्माण विभाग ने सदावल में ४ हेलीपेड निर्माण, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा विभाग ने टीबी मुक्त मप्र, नगर निगम ने स्वच्छ उज्जैन-स्वस्थ उज्जैन, जीवाजी वेधशाला ने वेधशाला की प्रतिकृति के साथ यंत्रों की जानकारी, केंद्रीय जेल भैरवगढ़ ने नवाचार पुनर्वास कार्ययोजना व स्थापित उद्योग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने गोरक्षा पर आधारित झांकियां बनाईं। बेस्ट झांकी के चयन के लिए निर्णायक संदीप नागर, प्रज्ञा गढ़वाल और बीके पंड्या रहे। इसके पश्चात पारितोषिक वितरण कर समारोह का समापन किया गया।
लोकतंत्र सेनानियों का किया सम्मान
कार्यक्रम के दौरान प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल ने लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) का सम्मान किया। प्रभारी मंत्री सम्मान पाने वाले हर लोकतंत्र सेनानी की सीट पर पहुंचे और उन्हें पुष्पमाला पहनाकर श्रीफल दिया। इसके पश्चात शॉल ओढ़ाकर उनका सम्मान किया। सम्मान पाकर लोकतंत्र सेनानी नरेंद्र सांखला, वीरेंद्र कावडिय़ा, अशोक कोटवानी, सुरेश खत्री, नेमीचंद मारोठिया, ओम पाठक, भूपेंद्र शाह, उमराव सिंह, सत्यनारायण जटिया, जगदीश अग्रवाल, प्रहलाल गुप्ता, नृसिंह पंवार आदि भी गदगद दिखाई दिए।
मध्याह्न भोजन में शामिल हुए प्रभारी मंत्री टेटवाल
समारोह के बाद प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल पीएम पोषण कार्यक्रम अंतर्गत गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित विशेष भोज में शामिल हुए। उन्होंने दशहरा मैदान स्थित शासकीय कन्या उमावि में विद्यार्थियों के साथ भोजन किया।
झलकियों पर एक नजर
समारोह शुरू होने से पहले दो स्ट्रीट डॉग समारोह स्थल पर पहुंच गए। उन्हें देख सांस्कृतियों कार्यक्रम की प्रस्तुति देने के लिए खड़े बच्चे डर गए। इसके बाद नगर निगम कर्मचारी ने कुत्तों के पीछे दौड़ लगाकर उन्हें बाहर किया।
काफी देर तक धूप में ही बच्चे खड़े रहे जिससे दो बच्चे अचानक गिर पड़े, उन्हें अन्य बच्चों ने संभाला।
प्रभारी मंत्री ने तिरंगे के रंग के गुब्बारे छोड़े। पहला गुच्छा आसमान में उड़ान भरने लगा तो दूसरा मंच की छत पर ही अटक गया।
समारोह के बीच संचालन कर रहे शैलेंद्र व्यास (स्वामी मुस्कुराके) और पद्मजा रघुवंशी ने देशभक्ति की शायरी सुनाकर और भारत माता की जय के नारे लगाकर उपस्थितजनों में जोश भर दिया।
समारोह देखने के लिए पहुंचे लोगों में सबसे ज्यादा संख्या स्कूली बच्चों की रही।
समारोह शुरू होने से पहले पारंपरिक वेशभूषा में सजी बच्चियां हाथों में फूलों का थाल लिए नजर आईं।
धोती-कुर्ता, गले में रूद्राक्ष की माला, हाथों में धनुष और भगवा ध्वज थामे बच्चों ने लोगों का ध्यान खींचा।
बहुत से नेता श्वेत वस्त्र में थे। वे आगे बैठने की कोशिश में थे, लेकिन उन्हें प्रोटोकाल के कारण अवसर नहीं मिला।आईजी उमेश जोगा ने मुख्यमंत्री द्वारा भेजा गया ब्रोशर (संदेश) पूरा पढ़ा।
बहुत से बच्चे अपने घरों से लंच और पानी की बोतल लेकर आए थे, लेकिन उन्हें लंच करने का अवसर ही नहीं मिला।