उज्जैन। देशभर में ध्यानयोगी के नाम से ख्यात उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के महामण्डलेश्वर बन गए हैं। हरिद्वार में आयोजित पट्टाभिषेक समारोह में ध्यानयोगी उत्तम स्वामीजी को यह उपाधि अखाड़े के संत-महंतों ने सनातनी परंपरा के अनुसार प्रदान की।
महर्षि उत्तम स्वामी राष्ट्रीय भक्त मंडल सहसचिव राम भागवत ने बताया कि हरिद्वार महाकुंभ में सनातनी अखाड़ा परिषद के प्राचीनतम एवं प्रतिष्ठित श्री पंचअग्नि अखाड़े के द्वारा श्री महामण्डलेश्वर की पदवी से अलंकृत किया गया। महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक समारोह दौरान आचार्य महामंडलेश्वर, पंचों सहित कई संत महंतों ने उत्तम स्वामी महाराज को माला पहनाकर व शॉल ओढ़ाकर अभिनंदन किया। पट्टाभिषेक समारोह में उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर रामकृष्णानंदजी (अमरकंटक), सभापति महंत मुक्तानंद ब्रह्मचारी महाराज, महामंत्री महंत सोमेश्वरानंद महाराज, अग्निपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ब्रह्मर्षि रामकृष्णानंद, सचिव संपूर्णानंद महाराज सहित 13 अखाड़ों के आचार्य, महामंडलेश्वर, संत-महंत और बड़ी संख्या में गुरुभक्त मौजूद थे। राम भागवत ने बताया कि महर्षि उत्तम स्वामी जी के महामंडलेश्वर बनने पर उज्जैन में एक भव्य कार्यक्रम अग्नि अखाड़ा परिसर में आयोजित किया जाएगा। उज्जैन शहर के कावड़ यात्रा संघ के अध्यक्ष विजय जयसवाल, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम जैन, तुषार पंवार, राकेश शर्मा, शैलेंद्र शर्मा सरपंच, विशाल राजोरिया, आजाद ठाकुर, प्रकाश यादव, योगेश ठाकुर, प्रकाश शर्मा, दिनेश जादौन, सिद्धू भैया सहित उज्जैन के सभी भक्तों ने स्वामी जी को दूरभाष पर बधाई दी।
उत्तम स्वामी अब होंगे महामंडलेश्वर ईश्वरानंदजी
राम भागवत ने बताया कि ध्यानयोगी महर्षि उत्तम स्वामी महाराज को पंच अग्नि अखाड़े के महामंडलेश्वर की उपाधि प्रदान किए जाने के बाद अब इन्हें महामंडलेश्वर ईश्वरानंदजी के नाम से जाना जाएगा। इनके प्रमुख आश्रम बांसवाड़ा, हरिद्वार, मध्यप्रदेश के सलकनपुर, लौहगांव (महाराष्ट्र), मंदसौर व उज्जैन में हैं। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में पंच अग्नि अखाड़े में महामंडलेश्वर पद पर कैलाशानंदजी आरूढ़ थे जो गत दिनों निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर पद पर उनका पट्टाभिषेक हुआ था। कैलाशनंद के बाद अब उत्तम स्वामी महाराज को महामंडलेश्वर उपाधि से अलंकृत किया गया है।