उज्जैन:माधवनगर हास्पिटल में शत प्रतिशत मरीज ऑक्सीजन पर

कल दोनों आईसीयू में हुई 7 लोगों की मौतें

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उज्जैन। माधवनगर की ओर सभी की नजरें है। यहां पर अभी भी सभी बेड भरे हुए हैं वहीं शतप्रतिशत मरीज ऑक्सीजन पर हैं। कल शाम से रात तक और आज सुबह तक ऑक्सीजन का फ्लो गड़बड़ाया था लेकिन उसे उसी समय संभाल लिया गया। हालांकि यह शिकायत बनी हुई है कि जैसे ही जम्बो सिलेण्डर को खत्म होने पर बदला जाता है,मरीजों की स्थिति कुछ सेकण्ड तक खराब हो जाती है। यह मांग उठ रही है कि यहां लिक्विड ऑक्सीजन पर ही जोर दिया जाए,ताकि उक्त स्थिति न बने। क्योंकि जो मरीज वेंटीलेटर पर होता है,उसे तो दोबारा से जीवन मिलने जैसा हो जाता है। इधर कल ओल्ड एवं न्यू आईसीयू में 7 मौते हुई।

माधव नगर अस्पताल में दो मौत पर बिफरे परिजन, बोले- अव्यवस्था से मौत

पुलिस ने पहुंचकर स्थिति को संभाला, अफसरों ने जांच का भरोसा दिलाया

उज्जैन। माधवनगर अस्पताल में मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, वहीं बेबस और गमजदा लोगों के साथ अस्पताल स्टाफ की अभद्रता से विवाद होने लगे हैं। स्थिति संभालने के लिए पुलिस पहुंच रही है और लोगों को संयम रखने की सलाह दे रही है। आज भी अस्पताल में मरीज को भर्ती करने की बात को लेकर विवाद हो गया। अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि वे व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों को समझाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान आक्रोशित परिजन उन पर ही बिफर जाता है। इससे विवाद होने लगा है।

सुबह के 10:40 बजे हैं। माधवनगर अस्पताल परिसर में एक बेटा बिलख-बिलखकर माधवनगर टीआई को बता रहा है कि दो दिन से मां अस्पताल में भर्ती थी, डॉक्टरों ने न तो इलाज किया और न ही उनकी स्थिति के बारे में बताया। बस दिलासा देते रहे और आज मां किरण जैन की मौत हो गई। बेटे के साथ इंदिरा नगर के आए लोग और परिजन भी अस्पताल की लापरवाही को बयां कर रहे थे, उन्होंने बताया कि कलेक्टर को मामले से अवगत करा दिया गया है। परन्तु अब क्या अस्पताल की बदइंतजामी ने उनके परिवार के एक सदस्य की जान ले ली। माधवनगर टीआई मनीष लोधा उनकी बातेें सुनकर एक तरफ चले गए।

अस्पताल की लापरवाही से भाई की मौत

माधवनगर अस्पताल परिसर में भाई की मौत पर विजय अग्रवाल की आंखे छलक आई। अपनी व्यथा मंडी के व्यापारियों को बताते हुए बोलने लगे, 43 साल के भाई नितेश अस्पताल की गड़बड़ी की वजह से असमय चला गया। एक दिन पहले अस्पताल ने रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाने के लिए लिस्ट में नाम था, लेकिन अस्पताल के स्टाफ ने नहीं लगाया। भाई ने फोन करके बताया था, हम इंतजाम करने लगे। अब उसकी भी मौत हो गई है। भाई ने अस्पताल की अव्यवस्था की जानकारी फोन पर दी थी, इसकी रिकॉर्डिंग हमारे पास है। परिवार के अन्य लोग भी संक्रमण की चपेट में हैं।

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