रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, आम लोगों को सस्ती EMI के लिए करना होगा इंतजार

By AV NEWS

दो जून को शुरू हुई भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक आज समाप्त हो गई है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर समिति द्वारा लिए गए फैसलों की घोषणा कर रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के चलते अप्रैल और मई के दौरान देश के कई हिस्सों में लगाई गई सख्त पाबंदियों से भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। इसलिए यह बैठक बेहद अहम है। हर दो महीने में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक होती है। इस बैठक में अर्थव्यवस्था में सुधार पर चर्चा की जाती है और साथ ही ब्याज दरों का फैसला लिया जाता है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था।

खास बातें:

आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। यह चार फीसदी पर बरकरार है। एमपीसी ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है।

यानी ग्राहकों को ईएमआई या लोन की ब्याज दरों पर नई राहत नहीं मिली है।

मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF) रेट भी 4.25 फीसदी पर है।

ब्याज दरों में बदलाव नहीं करने को लेकर गवर्नर ने कहा कि लगातार बढ़ती महंगाई की वजह से रिजर्व बैंक के एमपीसी ने पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है।

इस बार मौद्रिक नीति समीक्षा का फोकस आर्थिक ग्रोथ पर है।

दास ने आगे कहा कि रिवर्स रेपो रेट को भी 3.35 फीसदी पर स्थिर रखा गया है।

इसके साथ ही बैंक रेट में भी कोई बदलाव नहीं करने का फैसला लिया गया है। यह 4.25 फीसदी पर है।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक रुख को ‘उदार’ बनाए रखा है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 में देश की जीडीपी में 9.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया है। पिछली बैठक में जीडीपी में 10.5 फीसदी की तेजी का अनुमान लगाया गया था।

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 18.5 फीसदी होगी, दूसरी तिमाही में 7.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 7.2 फीसदी और चौथी तिमाही में 6.6 फीसदी।

मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई 5.1 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में भी 5.1 फीसदी का ही अनुमान लगाया गया था।

पहली तिमाही में महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है, दूसरी तिमाही में 5.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.7 और चौथी तिमाही में यह 5.3 फीसदी हो सकती है।

कमजोर मांग से प्राइस प्रेशर का दबाव है। महंगे क्रूड और लॉजिस्टिक्स कॉस्ट में उछाल से प्राइस प्रेशर की स्थिति बनी है। ऐसे माहौल में हर तरह से पॉलिसी सपोर्ट जरूरी है।

शक्तिकांत दास ने कहा कि टीकाकरण से अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी। वैश्विक ट्रेंड सुधरने से निर्यात बढ़ेगा।

Share This Article